नौहझील पुलिस का कारनामाः व्यापारी के पैसे मांगने पर हवालात में ठूंसा, एसएसपी ने दिए जांच के आदेश

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पीड़ित व्यापारी लखमीचंद का शोरूम।

मथुरा। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के ’गुंडाराज न भ्रष्टाचार’ के दावों की पुलिस किस तरह धज्जियां उड़ा रही है। इसमें खाकी वर्दी का एक नया कारनामा मथुरा में सामने आया है। जिसमें एक व्यापारी से लाखों की साड़ियों सहित अन्य कीमती कपड़ों का भुगतान पुलिस ने नहीं किया। इतना ही नहीं व्यापारी को 2 बार हवालात में ही डाल दिया। पीड़ित व्यापारी ने भाजपा जिलाध्यक्ष के साथ एसएसपी से लिखित में शिकायत की है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। साथ ही व्यापारी ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल और उप्र व्यापारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष से भी मामले की शिकायत की है।

कोरोना से त्रस्त आम जनता और व्यापारियों पर जहां एक ओर अपराधियों का कहर टूट रहा है। वहीं दूसरी ओर व्यापारियों के साथ खाकी वर्दी और अन्य अधिकारियों द्वारा लूटपाट-धन वसूली के कारनामे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। थाना गोविंद नगर मथुरा निवासी एक चांदी कारोबारी प्रदीप अग्रवाल से 30 अप्रैल 2021 को व्यापार कर सचल दल एवं पुलिस की सांठगांठ से 43 लाख रूपए लूटने का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा था कि थाना नौहझील पुलिस का एक कारनामा सामने आ गया है। आश्चर्य करने वाली बात यह है कि इस मामले में पीड़ित व्यापारी के साथ स्वयं भाजपा जिलाध्यक्ष एसएसपी से शिकायत कर चुकी हैं लेकिन अभी तक आरोपी एसओ नौहझील के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है।

पीड़ित व्यापारी लखमीचंद

पीड़ित व्यापारी लखमीचंद पुत्र बुद्धसेन निवासी गांव मुड़लिया थाना नौहझील हाल निवासी बड़ा बाजार बाजना थाना नौहझील ने 19 मई 2021 को मुख्यमंत्री जन सुनवाई पोर्टल पर शिकायत की है। शिकायत के अनुसार, व्यापारी लखमीचंद का कहना है कि बाजना स्थित अक्रूर चैक में अंजलि शोरूम के नाम से मेरी कपड़े की दुकान है। व्यापारी ने थानाध्यक्ष नौहझील लोकेश भाटी पर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत की है कि उसने अपने एक लड़के की शादी यहां से की। शादी के लिए कीमती साड़ियां एवं अन्य कपड़े यहां से खरीदे लेकिन आज तक भुगतान नहीं कराया गया। इसके बाद नौहझील के मोरकी इंटर कालेज के मैदान में जब किसानों का धरना आंदोलन हुआ तो एसओ द्वारा उससे ही खाने की व्यवस्था कराई गई और सारा भुगतान एक साथ करने के लिए कहा। कई बार मेरी निजी गाड़ी को अपने निजी कार्यों के लिए अन्य जनपदों में लेकर गए।

आरोप है कि 20 अप्रैल 2021 को जब मैं अपनी दुकान पर बैठा था तो एसओ लोकेश मुझे अपने साथ गांव मुड़लिया लेकर गए और वहां छोड़ कर चले गए। जब मैं अपनी दुकान पर वापस आया तो पता चला कि गांव मुड़लिया में पुलिस टीम पर हमला हुआ है। इसके बाद एसओ नौहझील ने मेरे पास फोन किया और बोला कि तेरा शोरूम नीलाम करा दूंगा। तू बहुत राजनीति करता है। फिर मुझे फोन कर बाजना चौकी बुलाया। चौकी से उठाकर मुझे थाने में हवालात में बंद कर दिया। फिर अकेले में ले जाकर बोला कि यदि तू जेल जाने से बचना चाहता है तो सारा हिसाब-किताब खत्म कर दे। अन्यथा तुझे गांव मुड़लिया में हुए पुलिस पर हमले के मामले में फर्जी फंसा दूंगा और फिर तुझे जेल जाने से कोई नहीं बचा सकेगा। जब कुछ व्यापारी मुझे छुड़ाने के लिए थाना पहुंचे। तो उनसे भी गाली गलौज कर भगा दिया। इसका राकेश डेयरी वाले ने विरोध किया तो उसे भी हवालात में बंद कर दिया। मैंने जेल जाने के डर से अपना उधार रफा-दफा करने की हामी भर दी। उसके बाद ही हम दोनों को छोड़ा गया।

28 अपै्रल 2021 को एसओ नौहझील फिर से शाम को दुकान पर पहुंचे और गांव भरतिया चलने के लिए कहने लगे। मना करने पर जबरन गाड़ी में बिठा कर ले गए। वहां पोलिंग बूथ चेक करने के बाद वापस थाने लाकर हवालात में बंद कर दिया। फिर पोलिंग पार्टियों के लिए खाने पीने की व्यवस्था करने के लिए कहा। अन्यथा की स्थिति में गांव मुड़लिया की घटना में जेल भेजने की धमकी दी। रात में बमुश्किल काफी मिन्नतों के बाद मुझे छोड़ा।

आश्चर्य करने वाली बात यह है कि पीड़ित व्यापारी लखमीचंद ने भाजपा जिलाध्यक्ष मधु शर्मा के साथ जाकर एसएसपी डाॅ. गौरव ग्रोवर से मुलाकात करते हुए पूरे घटनाक्रम से अवगत कराते हुए लिखित शिकायती पत्र दिया। एसएसपी द्वारा भाजपा जिलाध्यक्ष एवं पीड़ित व्यापारी को जांच एवं उचित कार्यवाही के लिए आश्वासन दिया लेकिन शिकायत करने के 5 दिन बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। हालांकि सूत्रों का यह भी कहना है कि एसएसपी से हुई शिकायत के बाद एसओ नौहझील द्वारा व्यापारी पर अब समझौते का दबाव बनाया जा रहा है और उसके 3 लाख रूपए के भुगतान करने का भी आश्वासन दिया जा रहा है। इस उत्पीड़न की शिकायत व्यापारी ने उप्र व्यापारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष रविकांत गर्ग से भी की है। पूर्व मंत्री रविकांत गर्ग ने पीड़ित व्यापारी को आरोपी एसओ के खिलाफ सख्त कार्यवाही का आश्वासन दिया है। इस मामले की शिकायत व्यापारी मंडल द्वारा भी उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर की गई है।

लखमीचंद सेठ ने विषबाण को बताया कि थानाध्यक्ष नौहझील ने अपने लड़के की शादी के लिए करीब 2.50 लाख साड़ियां एवं अन्य कीमती कपड़े खरीदे थे और उसका भुगतान बाद में करने के लिए कहा था। इसके बाद करीब 50 हजार रूपए किसान आंदोलन के दौरान पुलिस-प्रशासन के खानपान की व्यवस्था में खर्च कराए गए थे। इसका भी भुगतान नहीं किया गया। अब पुलिस उसके साथ उत्पीड़नात्मक कार्यवाही कर रही है। बताया कि मैंने व्हाट्स एप पर इस पूरे प्रकरण की एसएसपी मथुरा, एसपी देहात और सीओ मांट को शिकायती पत्र भेजा लेकिन अभी एसओ नौहझील के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। उल्टे उसके बाद से लगातार थानाध्यक्ष लोकेश भाटी द्वारा मुझे फर्जी मुकदमे में फंसाने और जेल भेजने की धमकी दी जा रही है। यदि शीघ्र ही इस मामले में आरोपी एसओ के खिलाफ सख्त कार्यवाही नहीं होती है तो मैं अपने परिवार सहित आत्मदाह कर लूंगा।

इस संबंध में भाजपा जिलाध्यक्ष मधु शर्मा ने विषबाण को बताया कि उन्होंने पीड़ित व्यापारी के साथ एसएसपी मथुरा डाॅ. गौरव ग्रोवर से वार्ता की थी। जिसके बाद एसएसपी ने मामले की जांच कराकर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया था। इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए व्यापारी को न्याय दिलाया जाएगा।