पूर्व बार अध्यक्ष पर करोड़ों की संपत्ति हथियाने के आरोप, पीड़िता ने किया धरने का ऐलान

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मथुरा। बार एसोसिएशन मथुरा के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रमुख शिक्षाविद् का पारिवारिक विवाद न्यायालय के बाद सड़क पर आता दिखाई दे रहा है। जिसमें 3 जनवरी को वरिष्ठ अधिवक्ता के खिलाफ इनकी भतीजियों द्वारा धोखाधड़ी कर करोड़ों की संपत्ति कब्जाने के विरोध में एसएसपी कार्यालय पर उपवास रखते हुए एक दिवसीय धरना देने का ऐलान किया गया है।

मथुरा बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं श्री गिर्राज महाराज लॉ कालेज सहित कई अन्य शिक्षण संस्थानों के चेयरमैन गोपाल प्रसाद शुक्ला के खिलाफ उनकी ही सगी भतीजियों ललिता शर्मा, विशाखा शर्मा एवं संगीता शर्मा पुत्रीगण स्व. मुरलीधर शुक्ला ने एसएसपी को सौंपे पत्र में आरोप लगाया है कि हमारे पिता मुरलीधर शुक्ला ने कोई जैविक पुत्र न होने के कारण अपनी सारी संपत्ति 9 दिसंबर 2020 को हम तीनों बहनों के नाम की थी। हम ही उनकी सेवा करते थे। 19 मार्च 2021 को उनकी मृत्यु हो गई।

जिसके बाद गोपाल प्रसाद शुक्ला, उनकी पत्नी बृजबाला शुक्ला और उनके पुत्रों आदित्य शुक्ला एवं आशुतोष शुक्ला एडवोकेट ने हमारी संपत्तियों को हड़पने के उद्देश्य से आदित्य शुक्ला एड. को हमारे पिता का दत्तक पुत्र दर्शाते हुए प्रशासन एवं पुलिस के सहयोग से हमारी खेती और फसल पर कब्जा कर लिया है। कुर्की के गैरकानूनी आदेश करा कर हमारी सरसों की फसल को घर से कुर्क कराया गया।

इसके साथ ही वसीयत को विवादित बनाने के लिए एक निजी हॉस्पिटल का फर्जी रिकार्ड बना लिया कि वसीयत रजिस्टर्ड होने के दिन हमारे पिता मुरलीधर अस्पताल में भर्ती थे। इसी रिकार्ड के आधार पर दीवानी में वसीयत कैंसिल कराने का दावा डाल दिया गया। बहनों का कहना है कि इस संबंध में जून 2021 में ही उनके द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से शिकायत की गई थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई, न ही आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई।

शिकायतकर्ता बहनों ने पुलिस प्रशासन से न्याय न मिलने की दशा में अब एसएसपी को पत्र लिखकर 3 जनवरी को एसएसपी कार्यालय के बाहर उपवास रखते हुए एकदिवसीय धरना देने का ऐलान किया है। साथ ही यह भी कहा है कि यदि इसके बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय के समक्ष लखनऊ में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगी।

वहीं इस संबंध में पूर्व बार अध्यक्ष गोपाल प्रसाद शुक्ला ने विषबाण मीडिया को बातचीत में बताया कि यह पारिवारिक विवाद है। हमारे द्वारा भी एसएसपी से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा गया है। जिस पर कई बार जांच भी हो चुकी हैं। किसी भी जांच में हमें दोषी नहीं पाया गया है। वर्तमान में यह मामला न्यायालय में लंबित है। न्यायालय जो भी निर्णय देगा वह मान्य होगा।

दूसरी ओर पीड़िता ललिता शर्मा द्वारा विषबाण को उपलब्ध कराए गए साक्ष्य एवं वसीयतनामे के अनुसार स्व. मुरलीधर शुक्ला ने लिखे अपने वसीयत नामे में कहा है कि उन्होंने गोपाल प्रसाद शुक्ला के पुत्र आदित्य शुक्ला को करीब 27 वर्ष पूर्व दत्तक पुत्र के रूप में गोद लिया था लेकिन गोद लेने के बाद से वसीयत नामे तक वह न तो एक भी दिन मेरे पास रहा है और न ही मेरी अथवा मेरी पत्नी की सेवा की है। आदित्य शुक्ला अपने पिता के साथ ही रहता है और उसकी शादी भी हो चुकी है एवं 2 बच्चे भी हैं। आदित्य के बच्चे अथवा पत्नी कभी भी हमारे पास नहीं रहे हैं। अतः मेरी संपत्ति पर उसका दावा अमान्य माना जाएगा। मेरी पांच पुत्रियां हैं और पांचों पुत्रियां बच्चों सहित अपने घर पर आबाद हैं जो कि मेरी सेवा करती हैं। इसमें भी मुख्य तौर पर ललिता शर्मा ने मेरी पत्नी और मेरी सेवा की है। उन्होंने अपनी सारी संपत्ति पांचों पुत्रियों के नाम की है। यह वसीयत नामा 9 दिसंबर 2020 को रजिस्टर्ड हुआ है।