आयकर विभाग ने रिक्शा चालक को बना दिया करोड़पति, भेजा करोड़ों का नोटिस

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फोटो (इंटरनेट)

मथुरा। जनपद में एक रिक्शा चालक को आयकर विभाग की कार्यप्रणाली ने करोड़पति बना दिया है। आयकर विभाग ने रिक्शा चालक को 3 करोड़ से अधिक कर जमा करने का नोटिस थमा दिया है। इससे परेशान होकर रिक्शा चालक अब आयकर विभाग और पुलिस के चक्कर काट रहा है। अब उसने थाना हाईवे में अपने साथ जालसाजी होने की शिकायत की है।

थाना हाईवे अंतर्गत अमर कालोनी निवासी प्रताप सिंह पुत्र कमल सिंह मूल रूप से गांव अडींग थाना गोवर्धन के निवासी हैं। वर्ष 1997 से प्रताप सिंह अमर कालोनी में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। प्रताप सिंह रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। रिक्शा चलाने से पहले वह एक टोंटी फैक्ट्री में मजदूरी करता था। 19 अक्टूबर को प्रताप सिंह को आयकर विभाग का एक नोटिस मिला। जिसे पढ़कर उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। नोटिस में उससे 3,47,54,896 रुपए आयकर के रूप में जमा करने को कहा गया। इस नोटिस के अनुसार उसने जीएसटी नंबर लेकर व्यवसाय किया है, और उसका 2018-2019 का टर्नओवर 43,44,36,201 रूपए है।

जबकि प्रताप सिंह ने बताया कि ना तो उसका कोई व्यवसाय है ना आज तक उसने कोई व्यवसाय किया है। वर्तमान में वह रिक्शा चलाता है और इससे पहले एक टोंटी फैक्ट्री में काम करता था। पीड़ित के अनुसार, 15 मार्च 1998 को उसने जन सुविधा केंद्र पर अपने पैन कार्ड के लिए आवेदन किया था। आवेदन के बाद उसे काफी समय तक न कार्ड नहीं मिला तो वह जन सुविधा केंद्र पर पहुंचा। जन सुविधा केंद्र वाले ने उसे एक कोरियर सर्विस पर भेज दिया। कोरियर वालों ने उसे पोस्ट ऑफिस भेज दिया। बाद में कोरियर वाले ने बताया कि उसका पैन कार्ड 31 मार्च 98 को बन चुका था और एक साइबर कैफे वाले संजय को पैन कार्ड दे दिया गया है।

कोरियर वालों ने साइबर कैफे वाले का फोन नंबर दे दिया। जब प्रताप वहां पहुंचा तो साइबर कैफे वाले ने उसके रंगीन पैन कार्ड की फोटो कॉपी निकाल कर उसे दे दी। प्रताप के अनुसार वह आयकर कार्यालय पहुंचा तो विभागीय कर्मचारियों ने बताया कि हो सकता है किसी ने उसके पैन कार्ड पर जीएसटी नंबर लेकर जालसाजी की हो। अतः वह पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराए। इसके बाद परेशान होकर प्रताप ने रविवार को थाना हाईवे पहुंचकर शिकायत की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।