जिला जज, डीएम, एसएसपी ने किया जिला जेल का निरीक्षण, दिए आवश्यक दिशा निर्देश

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जिला कारागार का निरीक्षण करते हुए जिला जज राजवी भारती, डीएम नवनीत सिंह चहल, एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर सहित अन्य अधिकारीगण।

मथुरा। जनपद न्यायाधीश, जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित अन्य जिलास्तरीय अधिकारियों द्वारा गुरूवार की शाम जिला कारागार मथुरा का संयुक्त निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान रसोई घर, चिकित्सालय, महिला बैरक, पुस्तकालय आदि का निरीक्षण किया गया। साथ ही जिला कारागार प्रशासन को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।

गुरूवार की सायं करीब 3.45 बजे जिला जेल में निरीक्षण करने पहुंचे जिला जज राजीव भारती, डीएम नवनीत सिंह चहल, एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर, सीएमओ डा. अमित वर्मा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राकेश सिंह, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मथुरा की सचिव सोनिका वर्मा को जेल अधिकारियों ने बताया कि 23 दिसंबर को जिला कारागार मथुरा में 1865 बंदी निरूद्ध हैं। जिनमें से 1717 पुरुष बंदी, 69 महिला बंदी तथा 45 अल्पवयस्क बंदी, 22 पुरुष विदेशी बंदी, 12 महिला विदेशी बंदी है। महिला बैरक में कुछ महिला बंदियों के साथ उनके 5 बच्चे भी रह रहे हैं।

इस दौरान अधिकारियों ने रसोईघर का निरीक्षण किया गया। जहां एक बड़ी इलेक्ट्रोनिक मशीन द्वारा रोटियां सेकी जा रही थी। पाकशाला में साफ-सफाई पाई गई। जेल अधिकारियों द्वारा बताया गया कि महिला एवं पुरुष बंदियों को आज प्रातः नाश्ते में चाय, पावरोटी व गुड़ दिया गया था। दोपहर के भोजन में चावल, अरहर की दाल, आलू पालक की सब्जी दी गई है। सांयकाल के भोजन में रोटी, उर्द छिलका की दाल, आलू गाजर बैंगन की मिक्स सब्जी दी जायेगी।

जिला कारागार के चिकित्सालय में भर्ती मरीजों से वार्ता करते हुए जिला जज राजवी भारती, डीएम नवनीत सिंह चहल सहित अन्य अधिकारीगण।

जिला कारागार चिकित्सालय के निरीक्षण दौरान पाया गया कि अस्पताल में 50 बंदी मरीजांे का ईलाज किया जा रहा है। जिनमें से 32 बंदियों को चिकित्सालय की बैरक में, 14 बंदियों को पृथक वास में तथा 4 बंदियों को बैरक संख्या-17(बी) में रखा गया है। सभी बंदी मरीजों से अलग-अलग बात की गई। साथ ही स्वास्थ्य व उपचार के बारे में जेल चिकित्सक से जानकारी ली गई। जेल में एक डेंटल क्लीनिक है, जिसमें केडी डेंटल कॉलेज मथुरा के चिकित्सकों की देखरेख में बंदी मरीजों का ईलाज किया जाता है। जिला कारागार में चिकित्सक द्वारा मानसिक रूप से पीड़ित बंदियों के ईलाज हेतु मनोचिकित्सक की मांग की गई। इस पर उच्चाधिकारियों द्वारा मौके पर उपस्थित सीएमओ को आवश्यक निर्देश दिए।

अधिकारियों द्वारा महिला बैरक, लीगल एड क्लीनिक, पुस्तकालय, सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र, जेल एफएम रेडियो केंद्र, भारत पताका हथकरघा केन्द्र आदि स्थलों का निरीक्षण करते हुए आवश्यक दिशानिर्देश दिये गये। बंदियों द्वारा खाने-पीने, रहने अथवा अन्य कोई समस्या नहीं बताई गई। बैरकों व जेल परिसर में साफ-सफाई पाई गई। बंदियों से निःशुल्क विधिक सहायता के संबंध में भी वार्ता की गई। कुछ बंदियों द्वारा निःशुल्क पैरवी हेतु अधिवक्ता की मांग की गई। जिस पर जेल अधिकारियों को इन बंदियों के प्रार्थनापत्र अविलंब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा कार्यालय में उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया।

निरीक्षण दौरान जिला कारागार में उपस्थित बंदियों से वार्ता के दौरान सामने आई समस्याओं के निस्तारण के लिए जेल अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। निरीक्षण के दौरान जेल अधीक्षक बृजेश कुमार, जेल चिकित्सक डा. उपेन्द्र सोलंकी, जेलर महाप्रकाश सिंह, डिप्टी जेलर संदीप कुमार एवं अनूप कुमार आदि उपस्थित रहे।