जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए घमासान, पूर्व विधायक ने पत्रकार-सपा नेता के खिलाफ दी तहरीर

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मथुरा। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की घोषणा अभी भले ही न हुई हो, लेकिन जनपद में राजनीतिक तापमान ऊंचाईयों पर पहुंच गया हैं एक तरफ जिला पंचायत सदस्यों की खरीद फरोख्त का सिलसिला जोर पकड़ता जा रहा है। जिसमें एक सदस्य की कीमत करीब 4 करोड़ तक पहुंचने की चर्चाएं तेजी से चल रही हैं। वहीं दूसरी तरफ बसपा के पूर्व विधायक ने अपने खिलाफ सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों को लेकर एक पत्रकार एवं एक सपा नेता को जिम्मेदार बताते हुए मुकदमा दर्ज कराए जाने की गुहार थाना पुलिस से लेकर उच्चाधिकारियों से की है। इससे राजनैतिक माहौल और अधिक गर्म हो गया है।

जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी जनपद की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। जनपद की 33 वार्ड सीटों में बसपा के 13 प्रत्याशी विजयी रहे। इसके बाद बसपा से मांट क्षेत्र से विधायक श्यामसुंदर शर्मा की पत्नी सुधा शर्मा को अध्यक्ष पद का दावेदार माना जा रहा है। पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री श्यामसुंदर शर्मा निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों द्वारा सुधा शर्मा को अध्यक्ष पद के लिए समर्थन देने का ऐलान भी कर चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ बसपा के पूर्व विधायक राजकुमार रावत भी अपने छोटे भाई की पत्नी को जो कि गोवर्धन क्षेत्र से विजयी रही हैं को जिला पंचायत अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाने के लिए पूरा दम लगा रहे हैं।

वहीं इस बार भाजपा के सिर्फ आठ ही प्रत्याशी विजयी रहे हैं। इसके बाद भी सत्तारूढ़ पार्टी होने का लाभ उठाते हुए भाजपा के कद्दावर नेता अपनी पार्टी का जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। भाजपा की ओर से गोवर्धन क्षेत्र से भाजपा समर्थित नेता एवं केएम मेडिकल कालेज के चेयरमैन किशन सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं। भाजपा की जिलाध्यक्ष मधु शर्मा ने बताया कि किशन सिंह के अलावा चौ. लक्ष्मीनारायण के भाई पूर्व एमएलसी स्व. लेखराज चौधरी की पत्नी देववती चौधरी एवं गुड्डी शर्मा पत्नी महादेव शर्मा भी जिला पंचायत अध्यक्ष की दौड़ में हैं।

रालोद के भी 8 सदस्य पंचायत का चुनाव जीतकर आए हैं। रालोद हाईकमान ने सदस्य की संख्या कम होने के बाद भी पूर्व जिलाध्यक्ष राजेंद्र सिकरवार को अध्यक्ष पद के लिए घोषित कर दिया है। उसके बाद से वह लगातार जिला पंचायत सदस्यों को अपने पाले में करने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। हालांकि अभी बसपा और भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर किसी भी पंचायत सदस्य का नाम घोषित नहीं किया है। इसके चलते अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस बार पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चौधरी अनूप सिंह को पंचायत सदस्य का चुनाव जीतने के बाद भी पंचायत अध्यक्ष का उम्मीदवार नहीं बनाया गया है।

शुरू हुआ खरीद फरोख्त का दौर
एक जिला पंचायत सदस्य ने नाम न खोलने की शर्त पर बताया कि उन्हें वोट के बदले 4 करोड़ का आॅफर दिया गया है। एक अध्यक्ष पद के प्रत्याशी द्वारा उनके घर पर आकर भी संपर्क किया गया है। एक अन्य पंचायत सदस्य ने 3.5 करोड़ का आॅफर मिलने का नाम न खोलने की शर्त पर दावा किया है। इन दावों में कितनी सच्चाई है यह तो आॅफर देने वाले और पंचायत सदस्य की जानते हैं लेकिन जिस तरह राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। उससे कई नेताओं की राजनैतिक संदिग्धता भी चर्चा का विषय बनी हुई है।

राजनीतिक पटखनी देने को शुरू हुआ घमासान, पत्रकार-सपा नेता के खिलाफ शिकायत
गत दिवस सोशल मीडिया पर बसपा के पूर्व विधायक राजकुमार रावत के भाजपा में जाने एवं बसपा के दो फाड़ होने की खबर सहित अन्य गंभीर आरोप लगाने की खबर वायरल हो गई। थाना जमुनापार एवं जिलाधिकारी को लिखे पत्र में पूर्व विधायक ने आरोप लगाया है कि एक फर्जी पत्रकार विवेक गर्गाचार्य एवं वर्ष 2017 में सपा के गोवर्धन क्षेत्र से विधानसभा प्रत्याशी रहे प्रदीप चौधरी द्वारा उनकी छवि धूमिल की जा रही है। पूर्व विधायक का कहना है कि वह बसपा के अलावा कभी किसी अन्य दल में नहीं रहे हैं। इसके बाद भी उनके खिलाफ फर्जी खबरें फैलाकर उनकी मानहानि की जा रही है। उन्होंने उक्त दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्र के संबंध में ’विषबाण’ द्वारा पूर्व विधायक राजकुमार रावत से संपर्क किया गया तो उन्होंने पत्र को स्वयं द्वारा जारी किया जाना स्वीकार करते हुए कहा कि उन्होंने इसकी शिकायत थाना पुलिस एवं जिलाधिकारी से की है। पूर्व विधायक ने बताया कि 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी मेरे खिलाफ साजिश रचकर छवि को धूमिल किया गया था।

जिला पंचायत अध्यक्ष का ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो अभी वक्त बताएगा लेकिन जिस तरह राजनैतिक घमासान मचा हुआ है और सदस्यों की खरीद फरोख्त और तोड़ फोड़ का सिलसिला जोर पकड़ रहा है। उससे चौंकाने वाले परिणाम सामने आएं तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। राजनैतिक हलकों में चर्चा है कि गत वर्षों की भांति यहां भी वह कहावत सटीक साबित हो सकती है कि दामोदर बैठे रहें, दाम करें सब काम।