जिला पंचायत अध्यक्ष चुनावः भाजपा-रालोद के प्रत्याशियों ने किया नामांकन, दिग्गज नेता रहे मौजूद

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भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रत्याशी किशन सिंह चौधरी के साथ मौजूद कैबिनेट मंत्री चौ. लक्ष्मीनारायण, जिलाध्यक्ष मधु शर्मा, विधायक पूरन प्रकाश, आगरा की पूर्व मेयर अंजुल माहौर सहित अन्य।

मथुरा। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के लिए शनिवार को रालोद और भाजपा के प्रत्याशियों द्वारा कलेक्ट्रेट पर नामांकन किया गया। इस दौरान भाजपा और रालोद दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशियों के साथ दिग्गज नेता भी मौजूद रहे। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था संभालते दिखे लेकिन समर्थकों का जोश उनकी जिम्मेदारियों पर भारी पड़े।

प्रदेश में 2 मई को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद से ही जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाॅक प्रमुख चुनाव पर जनता की निगाहें लगी हुई थीं। हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के लिए तिथियां घोषित कर दी गईं। जिसके तहत 26 जून को प्रत्याशियों का नामांकन और 3 जुलाई को परिणाम घोषित किया जाना निर्धारित है। इसके चलते शनिवार को राष्ट्रीय लोकदल और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों द्वारा नामांकन किया गया। बसपा पहले ही मैदान छोड़ चुकी है।

नामांकन दाखिल करने जाते हुए रालोद के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह सिकरवार एवं उनके समर्थक।

शनिवार को सबसे पहले राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह सिकरवार नामांकन करने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने अपने प्रस्तावकों एवं रालोद के दिग्गज नेताओं के साथ दो-दो सेट में नामांकन पत्र के समक्ष दाखिल किए। इसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव रालोद ही जीतेगी। रालोद के साथ बसपा और भाजपा के भी कुछ जिला पंचायत सदस्य उनके संपर्क में हैं। सत्ता पक्ष का दबाव रालोद पर न पहले कभी हावी हुआ है और न ही अब होगा। भाजपा के प्रत्याशी के साथ रिश्तेदारी होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि रिश्तेदारी अपनी जगह है और राजनीति अपनी जगह। वह रिश्तेदारी के पक्ष से अलग हटकर चुनाव मैदान में उतरे हैं और विजयी भी होंगे। इस दौरान रालोद के जिलाध्यक्ष रामरसपाल पौनियां, कुंवर नरेंद्र सिंह, डाॅ. अशोक अग्रवाल, पूर्व मंत्री चौ. सरदार सिंह, पूर्व मंत्री ठा. तेजपाल सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष रामवीर सिंह भरंगर, यतेंद्र सिंह सिकरवार, मुकेश चौधरी सहित अन्य दिग्गज नेता भी मौजूद रहे।

इसके बाद करीब 2 बजे भाजपा के कैबिनेट मंत्री चौ. लक्ष्मीनारायण सबसे पहले कलेक्ट्रेट पहुंचे। इसके बाद भाजपा सांसद हेमामालिनी आई और फिर भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी किशन सिंह चौधरी भी दिग्गज नेताओं एवं समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट आए। इसके बाद किशन सिंह चौधरी ने भी अपने प्रस्तावकों के साथ दो-दो सेटों में नामांकन पत्र दाखिल किया। किशन सिंह चौधरी भी पत्रकारों को संबोधित करते हुए अपनी जीत का दावा किया। उन्होंने कहा कि बसपा के सभी निर्वाचित सदस्यों सहित निर्दलीय सदस्यों का समर्थन तो भाजपा के पास है ही, साथ ही रालोद के भी कुछ सदस्य उनके संपर्क में हैं। उनसे जब पूछा गया कि क्या सदस्यों को रूपया देकर अथवा सत्ता पक्ष का दबाव बनाकर अपने पक्ष में किया जा रहा है तो उन्होंने जवाब दिया कि सभी जिला पंचायत सदस्य भाजपा की रीति और नीतियों से प्रेरित होकर भाजपा के पक्ष में वोट कर रहे हैं। उन पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं है और न ही उन्हें लालच दिया गया है। इस दौरान भाजपा की जिलाध्यक्ष मधु शर्मा, बलदेव विधायक पूरन प्रकाश, गोवर्धन विधायक ठा. कारिंदा सिंह, उप्र सहकारी विकास निगम के अध्यक्ष चौ. तेजवीर सिंह, उप्र व्यापारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष रविकांत गर्ग, मथुरा-वृंदावन के मेयर डाॅ. मुकेश आर्यबंधु, वरिष्ठ नेता एसके शर्मा, आगरा की पूर्व मेयर अंजुला माहौर, नरदेव चौधरी सहित अन्य दिग्गज नेता एवं समर्थक मौजूद रहे।

नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान डीएम नवनीत सिंह चहल, एडीएम वित्त एवं राजस्व ब्रजेश कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट जवाहर लाल श्रीवास्तव एवं पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे।

’टू मच क्राउड’ कहकर बाहर निकलीं सांसद हेमामालिनी
भाजपा प्रत्याशी किशन सिंह चौधरी द्वारा जब नामांकन पत्र दाखिल किया जा रहा था तो उनके साथ वहां कई दिग्गज नेताओं के साथ समर्थक भी मौजूद थे। इस भीड़ को देखकर भाजपा सांसद हेमामालिनी पहले ही अपने प्रत्याशी के पास जाने में हिचक रही थीं लेकिन फिर अन्य नेताओं के समझाने पर वह उनके पास पहुंची। लेकिन फिर से भीड़ देखकर वह ’टू मच क्राउड’ कहकर बाहर निकल आईं। ड्रीमगर्ल के यह कहते ही वहां मौजूद भाजपा नेताओं सहित पुलिसकर्मियों के चेहरों पर भी मुस्कान तैर गई।

बसपा पहले ही छोड़ चुकी है मैदान
जिला पंचायत चुनाव में जनपद में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी बसपा के 13 सदस्य निर्वाचित हुए थे लेकिन जनपद की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले पं. श्याम सुंदर शर्मा ने अपनी पत्नी को जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव मैदान में उतारने से इंकार कर दिया था। इसके बाद ही बसपा के पंचायत सदस्य अपनी पसंद से रालोद अथवा भाजपा प्रत्याशी को समर्थन देने पहुंच गए। जबकि भाजपा और रालोद के सिर्फ 8-8 ही प्रत्याशी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीत सके थे।

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