दो युवकों की मौत के बाद नींद से जागा नगर निगम, खुले नालों को ढकने में जुटा

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जेसीबी से खुले नालों को ढकते हुए नगर निगम के कर्मचारी।

मथुरा। आखिरकार दो युवकों की जिंदगी समाप्त होने के बाद नगर निगम की कुंभकर्णी खुल ही गई। बुधवार को नगर निगम के अधिकारी शहर के खुले नालों को ढकवाते हुए नजर आए। कुछ स्थानों पर नालों की सफाई भी कराई गई। हालांकि जनता में नगर निगम की कार्यशैली के प्रति आक्रोश दिखाई दे रहा है।

आपको बता दें कि मंगलवार की शाम को शहर में मूसलाधार बरसात हुई थी। इसके चलते शहर थोड़ी ही देर में ताल तलैया बन गया था। नाले उफन रहे थे। सड़कों पर पानी भरा खड़ा था। इसके चलते सड़क से लगे हुए नालों का अंदाजा नहीं लग रहा था कि कहां नाला है और कहां सड़क है। इसी गलतफहमी का शिकार गत दिवस देर शाम करीब 8 बजे बाईक सवार तीन युवक हो गए। वह कैलाश नगर के मोड़ पर खुले नाले में बाईक सहित गिर गए। चीख पुकार सुनकर स्थानीय लोगों ने एक युवक को तो बचा लिया लेकिन अन्य 2 युवक नाले में डूब गए। घुटनों तक सड़क पर हो रहे जलभराव और गहरे नाले में पानी के बहाव को देखते हुए मंगलवार की रात्रि में बचाव कार्य को रोक दिया गया। गुरूवार की सुबह एक बार फिर नाले में डूबे युवकों की तलाश आरंभ की गई। आखिरकार दोनों युवकों के शव कुछ दूरी पर बरामद हो गए।

मृत युवकों के फाइल फोटो।

युवकों का शव मिलने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। उन्होंने रो रो कर नगर निगम के अधिकारियों पर अपने बच्चों के मारने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि यदि नालों की सफाई समय से और ईमानदारी से की गई होती तो शहर में जलभराव की स्थिति न बनती। नालों में गंदा पानी नहीं उफनता और खुले हुए नालों को समय से ढक दिया गया होता तो उनके बच्चों की जानें बच जातीं। नालों के खुले होने के कारण 2 युवकों की मौत होने के बाद नगर निगम के अधिकारी बुधवार को हरकत में आ गए। उन्होंने शहर के खुले पड़े नालों को ढकने का काम शुरू कर दिया। साथ ही विभिन्न स्थानों पर नालों की सफाई भी कराई गई। नालों में से कीचड़ और मलबा निकाला गया।

वहीं जिस जगह कैलाश नगर के नाले में युवक डूबे हैं। वहां के स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर निगम यदि बरसात से पूर्व नालों की सफाई पर ध्यान देती तो दो युवकों की जिंदगी बच जाती। जिस मोड़ पर बाईक डूबी वहां नालों को कवर करने के लिए स्थानीय जनता ने कई बार पार्षद और नगर निगम के अधिकारियों को अवगत कराया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। यदि नालों को ढक दिया जाता तो बाईक सवार युवक डूबते नहीं और वह बच जाते।

– राष्ट्रीय लोकदल के वरिष्ठ नेता डाॅ. अशोक अग्रवाल ने मृतक युवकों के परिजनों को 25-25 लाख रूपए का मुआवजा दिए जाने की मांग की है। उन्होंने नगर निगम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम ने नालों की सफाई के नाम पर सिवाय भ्रष्टाचार किया है। यदि वह अपना काम ईमानदारी से करते तो शायद दोनों युवक जीवित होते।

– राष्ट्रीय लोकराज पार्टी के अध्यक्ष मनोज चौधरी ने कहा कि मथुरा-वृंदावन नगर निगम की लापरवाही से दोनों युवाओं की जान जाना बेहद दुखद है। राष्ट्रीय लोकराज पार्टी दोनों नौजवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करती है एवं दुख की इस घड़ी में मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना रखती है। कहा कि अगर नगर निगम अपना काम ठीक से करती तो दोनों नौजवान हाथ जिंदा होते। मेरी सरकार से मांग है कि दोनों मृत युवाओं के परिवार को 20 लाख का मुआवजा दिया जाए एवं यह सुनिश्चित किया जाए कि आगे इस तरह की कोई भी दुर्घटना मथुरा शहर में ना हो पाए।