बार में मची रार, कमलकांत को थमाया निष्कासन का नोटिस

0
1707
पत्रकार एवं अधिवक्ता कमलकांत उपमन्यु। (फाइल फोटो)

मथुरा। बार एसोसिएशन के चुनाव को लेकर छिड़ी रार के बीच जहां चुनाव कराए जाने को लेकर एक ओर धरना प्रदर्शन जारी है। वहीं दूसरी तरफ उपजा के प्रदेश उपाध्यक्ष को बार एसोसिएशन द्वारा गलत रूप से बार की सदस्यता हासिल करने पर कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 15 जुलाई तक जवाब मांगा है। अन्यथा की स्थिति निष्कासन करने की चेतावनी भी दी है। इसके साथ ही एक चैंबर को लेकर विवाद भी सामने आ रहा है।

मथुरा बार एसोसिएशन के चुनाव को टाले जाने के विरोध को लेकर बीते 3 दिनों से वकीलों का धरना प्रदर्शन जारी है। वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं मान्यता प्राप्त पत्रकार कमलकांत उपमन्यु की बार की सदस्यता को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। बार पदाधिकारियों ने कमलकांत उपमन्यु की बार की सदस्यता के विवाद पर सख्त रूख अपनाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि आपने वर्ष 2012 में बार की सदस्यता ली थी। जबकि आप पत्रकार के व्यवसाय में भी शामिल हैं। जबकि बार काउंसिल ऑफ उप्र के रूल्स एंड रैगुलेशन के अनुसार कोई भी व्यक्ति बार एसोसिएशन में पंजीकृत होने के बाद किसी भी अन्य व्यवसाय को नहीं कर सकता है।

नोटिस में कमलकांत उपमन्यु के लिए लिखा है कि आपके द्वारा बार काउंसिल ऑफ उप्र की नियमावली के विपरीत जाकर व संस्था को गुमराज कर अपना पंजीकरण कराया गया है। जो कि पूर्ण रूप से विधि विरूद्ध है। विदित है कि आप बार एसोसिएशन मथुरा की गरिमा के विरूद्ध कार्य करने में संलिप्त हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि आपके द्वारा जानबूझकर अनुशासनहीनता की जा रही है। नोटिस में कहा गया है कि बार अध्यक्ष के आदेश अनुसार उक्त तथ्यों का जवाब 15 जुलाई तक बार एसोसिएशन मथुरा के कार्यालय में प्रस्तुत करें। अन्यथा की स्थिति में आपको बार एसोसिएशन मथुरा से निष्कासित कर आपके विरूद्ध उचित कार्यवाही हेतु बार काउंसलि ऑफ उप्र एवं प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया एवं उप्र जर्नलिस्ट एसोसिएशन को पत्र लिखा जाएगा। पाठकों को अवगत करा दें कि इससे पूर्व कमलकांत उपमन्यु को वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में बार से निष्कासित किया जा चुका है।

दूसरी तरफ एक अधिवक्ता के चैंबर की खरीद फरोख्त भी चर्चा का विषय बनी हुई है। इसे लेकर भी पत्रकार कमलकांत उपमन्यु एवं बार पदाधिकारियों में तीखी नोंकझोंक के बाद विवादित चैंबर को बार ने अपने कब्जे में ले लिया। इसे लेकर भी दो पक्ष आमने सामने हैं। बार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बार सभागार के बराबर पूर्व अध्यक्ष रमेश कुमार कौशिक के चैंबर की एक पखवाड़े पूर्व पत्रकार कमलकांत उपमन्यु द्वारा खरीद फरोख्त की गई थी। जिसकी शिकायत रमेश कुमार कौशिक के पुत्र द्वारा बार में की गई थी। जिस पर बार द्वारा विरोध जताने पर बार अध्यक्ष सुशील शर्मा एवं कमलकांत उपमन्यु के बीच तीखी नोंकझोंक भी हुई थी। वहां उपस्थित बार के अन्य सदस्यों ने बीच बचाव कराया। इसके बाद बार द्वारा उक्त विवादित चैंबर को अपने कब्जे में ले लिया गया। बताया जा रहा है कि इस विवाद के कारण भी बार पदाधिकारी और कमलकांत उपमन्यु आमने सामने हैं।

इस संबंध में बार के अध्यक्ष सुशील शर्मा ने विषबाण से बातचीत में कहा कि बार के चैंबर बार की संपत्ति है। न तो उसे बेचा जा सकता है और न ही उसे बेचा जा सकता है। इसलिए उक्त चैंबर को बार ने अपने कब्जे में ले लिया है। विवाद की बात पर उन्होंने चुप्पी साध ली। साथ ही पत्रकार कमलकांत उपमन्यु को नोटिस जारी करने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि उनसे 15 जुलाई गुरूवार तक जवाब मांगा गया है।

बार एसोसिएशन मथुरा के सचिव सुनील चतुर्वेदी ने विषबाण को फोन पर बताया कि अधिवक्ता द्वारा एक साथ 2 जगह की सदस्यता नहीं ली जा सकती है। इसके बाद भी कमलकांत उपमन्यु पर बार और पत्रकार दोनों की मान्यता है। इसके खिलाफ ही उन्हें निष्कासन का कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 15 जुलाई गुरूवार तक जवाब मांगा गया है। जवाब न मिलने पर निष्कासन की कार्यवाही की जाएगी।

वहीं पत्रकार कमलकांत उपमन्यु ने विषबाण को बताया कि उनका चैंबर को लेकर कोई विवाद नहीं है। उन्होंने जब चैंबर खरीदा था तो उन्हें चैंबर को लेकर चल रहे विवाद की जानकारी नहीं थी। जैसे ही उन्हें पता लगा तो उन्होंने चैंबर को छोड़ दिया। कहा कि बार पदाधिकारियों द्वारा चुनाव टालने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके विरोध में चल रहे धरना प्रदर्शन की खबरें छापने को लेकर उन्हें टारगेट किया जा रहा है। कहा कि उन पर पत्रकारिता व्यवसाय करने का आरोप लगाया जा रहा है। जबकि पत्रकारिता व्यवसाय नहीं है। वरन् समाजसेवा है। वह एक स्वतंत्र पत्रकार हैं। साथ ही बार एसोसिएशन मथुरा में दर्जनों पत्रकार अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हैं। यदि मेरा पंजीकृत गलत है तो इस तरह सभी पत्रकारों का पंजीकरण भी अवैध ही है। इसके साथ ही कई सारे अधिवक्ता ठेकेदारी, अध्यापन सहित अन्य कार्य कर रहे हैं। उन्हें भी नोटिस जारी होने चाहिए। कहा कि वह नोटिस का जवाब 15 जुलाई गुरूवार को बार एसोसिएशन को दाखिल करेंगे।

बार चुनाव टालने के विरोध में लगातार तीसरे दिन भी धरना, दिया अल्टीमेटम