मुकुट मुखारबिंद घोटालाः एफआईआर के एक वर्ष बाद भी नहीं हो सकी रमाकांत की गिरफ्तारी!

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रमाकांत गोस्वामी

मथुरा। मुकुट मुखारबिंद घोटाले में आरोपी रिसीवर रमाकांत गोस्वामी की एसटीएफ की एफआईआर को चुनौती देने वाली एफआईआर इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा रद्द करने के बाद इम्पीरियल पब्लिक फाउंडेशन के अध्यक्ष रजत नारायण द्वारा उप्र के नए पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल को पत्र लिख कर दर्ज एफआईआर में जल्द से जल्द कार्यवाही के लिए आग्रह किया।

गोवर्धन के विश्व विख्यात मुकुट मुखारबिंद मंदिर के करोड़ों रूपए के घोटाले की शिकायत करने वाली संस्था इम्पीरियल पब्लिक फाउंडेशन के अध्यक्ष रजत नारायण ने बताया कि रमाकांत गोस्वामी के खि़लाफ़ जितने भी आरोप उन्होंने लगाए थे, वो सभी उप जिलाधिकारी गोवर्धन की जांच में पूर्णतः सत्य पाए गए। एसडीएम ने अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी मथुरा को जुलाई 2019 को ही सुपुर्द कर दी थी। जिसके बाद डीएम मथुरा ने अपनी जांच रिपोर्ट जिला न्यायाधीश को प्रेषित कर दी थी, परंतु रिसीवर रमाकांत गोस्वामी के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं हुई।

श्री नारायण ने बताया कि एसटीएफ ने रमाकांत गोस्वामी के खिलाफ जांच के आदेश मिलने के बाद अपनी जांच फरवरी 2020 में पूरी भी कर ली थी और 11 सितंबर 2020 को एसटीएफ ने मुख्य आरोपी रमाकांत गोस्वामी करीब एक दर्जन आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।

रजत नारायण ने नए पुलिस महानिदेशक से आग्रह किया कि एसटीएफ द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे को करीब एक वर्ष पूरा होने वाला है लेकिन अभी तक आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की गयी है, जबकि मुख्य आरोपी श्री रमाकांत गोस्वामी काफ़ी प्रभावशाली व्यक्ति है। वह कई सारे घोटाले पहले भी कर चुका है, जिसमें फर्जी कंपनी बना कर करोड़ों के घोटालों को अंजाम देना तक शामिल है। मुख्य आरोपी इतना प्रभावशाली व्यक्ति है कि वो बाहर रह कर सबूतों के साथ खिलवाड़ कर सकता है।

श्री नारायण ने इस विषय में डीजीपी मुकुल गोयल से आग्रह किया कि वो एसटीएफ को सभी आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करने का आदेश करें।