विधानसभा चुनावः प्रत्याशियों के समर्थकों में जोश, वंचित दावेदारों के समर्थकों में रोष

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मथुरा। सपा-रालोद गठबंधन, बसपा और कांग्रेस द्वारा प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद शनिवार को भाजपा ने भी जनपद की पांचों सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए। जिसके बाद अब विधानसभा सीटों पर स्थिति स्पष्ट होती नजर आ रही है। हालांकि टिकट से वंचित दावेदारों को अभी भी बदलाव की उम्मीदें नजर आ रही हैं लेकिन उनके समर्थकों में निराशा देखी जा रही है। यह निराशा चुनाव में कहीं पार्टी और उनके प्रत्याशियों पर भारी न पड़ जाए।

जनपद की मथुरा-वृंदावन विधानसभा सीट से रालोद-सपा गठबंधन से देवेंद्र अग्रवाल, बसपा से जगबीर प्रधान, भाजपा से ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, कांग्रेस से पूर्व विधायक प्रदीप माथुर एवं आम आदमी पार्टी से कृष्णा शर्मा, गोवर्धन विधानसभा से रालोद-सपा गठबंधन से प्रीतम सिंह प्रमुख, भाजपा से ठा. मेघश्याम, बसपा से पूर्व विधायक राजकुमार रावत एवं कांग्रेस से पूर्व जिलाध्यक्ष दीपक चौधरी, छाता विधानसभा से भाजपा से कैबिनेट मंत्री चौ. लक्ष्मीनारायन, सपा-रालोद गठबंधन से पूर्व विधायक ठा. तेजपाल सिंह, बसपा से ठा. सोनपाल सिंह एवं आम आदमी पार्टी से प्रहलाद चौधरी, मांट विधानसभा से सपा-रालोद गठबंधन से एमएलसी डॉ. संजय लाठर, बसपा से पूर्व मंत्री एवं विधायक श्यामसुंदर शर्मा, भाजपा से राजेश चौधरी एवं आम आदमी पार्टी से रामबाबू कटैलिया, बलदेव सुरक्षित सीट से भाजपा से विधायक पूरन प्रकाश, बसपा से अशोक सुमन एडवोकेट, सपा-रालोद गठबंधन से बबीता देवी एवं कांग्रेस से विनेश सनवाल के साथ-साथ अन्य छोटे दलों ने भी अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। कुछ अन्य छोटे दलों द्वारा भी अपने प्रत्याशी घोषित किए जाने शेष हैं।

प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा जनपद की पांचों विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की तस्वीर साफ होने के बाद जहां लंबे समय से प्रचार-प्रसार में जुटे दावेदारों और उनके समर्थकों में निराशा दिखाई दे रही है। वहीं घोषित प्रत्याशियों के समर्थकों में जोश नजर आ रहा है। हालांकि समर्थकों एवं दावेदारों में अभी भी कुछ सीटों पर बदलाव की आस लगी हुई है लेकिन जानकार सूत्र बताते हैं कि अब बदलाव होना काफी मुश्किल है। पांचों विधानसभाओं में किस दल की जीत अथवा हार होगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन विपक्षी दलों के निशाने पर भाजपा के ही प्रत्याशी मुख्य रूप से निशाने पर हैं।

राजनीतिक दलों द्वारा घोषित प्रत्याशियों ने अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए जोर शोर से प्रचार प्रसार शुरू कर दिया है लेकिन अन्य दावेदारों एवं समर्थकों का अंदरूनी विरोध उनके लिए घातक साबित हो सकता है। सर्वाधिक उथल-पुथल जनपद की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री श्यामसुंदर शर्मा के विधानसभा क्षेत्र मांट में दिखाई दे रही है। जहां भाजपा के प्रमुख नेता एसके शर्मा और घोषित प्रत्याशी राजेश चौधरी के बीच लंबे समय से जबरदस्त खींचतान चली आ रही है। टिकट कटने से आहत एसके शर्मा ही नहीं वरन् उनके समर्थकों में भी आक्रोश की झलक साफ दिख रही है।

इसी तरह सपा-रालोद गठबंधन से गुरूवार की देर रात्रि सपा के वरिष्ठ नेता डॉ. संजय लाठर को टिकट मिलने की चर्चा थी जिसके चलते उनके समर्थकों में हर्ष का माहौल था लेकिन शुक्रवार को योगेश नौहवार को मिले बी फार्म की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने लगीं तो उनके समर्थकों में हर्ष की लहर दौड़ गई। जबकि संजय लाठर के समर्थक मायूस हो गए लेकिन शनिवार की सुबह एक बार फिर एमएलसी डॉ. लाठर को टिकट मिलने की खबर और बी फार्म की तस्वीरें वायरल होने लगीं। जिससे फिर से डॉ. लाठर के समर्थकों को खुशी मनाने का मौका मिल गया। टिकट मिलने के बाद मथुरा आए डॉ. संजय लाठर का यमुना एक्सप्रेस वे पर उनके समर्थकों ने जोशीला स्वागत किया। वहीं योगेश नौहवार के समर्थक फिर से मायूस हो गए। अब देखना होगा कि रालोद नेता योगेश नौहवार इस बाजी को पलटने में कामयाब हो पाते हैं अथवा नहीं। दोनों के बीच छिड़ी जंग में किसका पलड़ा भारी रहता है यह तो वक्त बताएगा लेकिन प्रत्याशी कोई भी घोषित हो लेकिन इसका असर चुनाव पर पड़ता हुआ साफ दिखाई दे रहा है।

मांट विधानसभा क्षेत्र में ब्राहृमण प्रत्याशी के रूप में जहां बसपा से श्यामसुंदर शर्मा मैदान में हैं वहीं सपा-रालोद गठबंधन से जाट प्रत्याशी के रूप में डॉ. संजय लाठर, भाजपा से राजेश चौधरी और आम आदमी पार्टी से चौ. रामबाबू सिंह कटैलिया को घोषित किया जा चुका है। जबकि चौथे जाट प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस से योगेश पचहरा का नाम सामने आ रहा है। अब देखना होगा कि सभी जाट प्रत्याशी चुनाव लड़ते हैं अथवा एक दूसरे को समर्थन देते हैं लेकिन यह सभी जाट प्रत्याशी लड़ते हैं तो जनपद की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले पं. श्यामसुंदर शर्मा को नौंवी बार विधानसभा में पहुंचने से रोकना मुश्किल होगा। इससे श्यामसुंदर शर्मा के समर्थकों में जोश नजर आ रहा है। इसी तरह अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी घोषित प्रत्याशियों के समर्थकों में जोश दिख रहा है तो टिकट से वंचित दावेदार और उनके समर्थक खासे निराश दिखाई दे रहे हैं। जिसका खामियाजा चुनावों में पार्टी और प्रत्याशियों को भुगतना पड़ सकता है।