23 दिन बाद भी महंत का सुराग नहीं, आश्रम पर टिकीं माफियाओं की निगाहें

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मथुरा। 23 दिन पूर्व वृंदावन के आश्रम से लापता हुए महंत बालमुकुंद शास्त्री को तलाशने में जहां पुलिस नाकाम साबित हो रही है। वहीं अभी तक गुमशुदगी को अपहरण के मामले में भी दर्ज नहीं किया गया है। वहीं महंत को बरामद करने की मांग धीमी होती जा रही है। जबकि दूसरी ओर आश्रम की बेशकीमती जमीन पर कब्जा करने के लिए तथाकथित संत और भूमाफियाओं के बीच होड़ मच गई है। वहीं आश्रम से जुड़े लोगों द्वारा इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की गई है।
12 जून को अटल्ला चुंगी स्थित निम्बार्क पीठ गोपाल बाग स्थित ठाकुर श्री निकुंज बिहारी आश्रम के महंत बालमुकुंद शरण शास्त्री अपने चालक उमेश पाठक के साथ वृंदावन घूमने के लिए आश्रम से निकले थे। इसके करीब 3 घंटे बाद बगैर गाड़ी और महंत के ही चालक उमेश आश्रम वापस आ गया। इसके बाद वह आश्रम के लोगों को महंत के बारे में गुमराह करता रहा। फिर 5-7 दिन बाद चालक भी लापता हो गया। इसके बाद तो फिर न तो महंत का कोई सुराग लग सका है और न ही चालक

ड्राइवर उमेश पाठक

उमेश को ढूंढा जा सका है। पुलिस भी 23 दिन बीतने के बाद महंत के बारे में पता नहीं लगा सकी है। इससे निराश होकर आश्रम के सेवादार दिनेश कुमार अत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इसकी शिकायत की है। शिकायत में बताया है कि महंत बालमुकुंद शरण शास्त्री 12 जून से कार सहित लापता हैं। 28 जून को रिपोर्ट दर्ज कराई जा चुकी है। उनका आरोप है कि कुछ साधु वेशधारी असामाजिक तत्वों द्वारा महंत को साजिश के तहत आश्रम की करोड़ों रुपए की जमीन कब्जाने के लिए लापता किया गया है। अनेक असामाजिक तत्व अपने प्रभाव का प्रयोग करके खुद को बचाने और अपने कुकर्म पर पर्दा डालने के लिए नीचे से ऊपर तक शासन प्रशासन को गुमराह कहर रहे हैं। आश्रम की जमीन पर होने वाले कब्जे को बचाने और स्वयं की जानमाल का नुकसान होने की आशंका देखते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर मामले का पर्दाफाश होने तक सार्थक सुरक्षा प्रदान करने की भी गुहार लगाई है।
दूसरी तरफ महंत की बरामदगी के लिए स्थानीय संत समाज की मुखर आवाज भी अब कुंद पड़ती दिखाई दे रही है। जिसमें गुरुवार को प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए संत समाज की प्रस्तावित बैठक को रद्द कर दिया गया। बताते हैं कि इस मुद्दे को उठाने वाले सौरभ गौड़ का 3 दिन के लिए हरिद्वार जाना बताया जा रहा है। वहीं आचार्य बद्रीश ने विषबाण को बताया कि वह कथा वाचन के लिए आंध्र प्रदेश जा रहे हैं। बताया कि गुरुवार को आयोजित होने वाली बैठक भी निरस्त कर दी गई है। महंत के गायब होने में चर्चाओं में आई कथा वाचिका ने विषबाण को नाम न छापने की शर्त पर बताया कि महंत और उनके बीच पिता-पुत्री का रिश्ता था। उन्होंने ही महाराज जी से बातचीत करने के लिए मोबाइल पर कई बार सम्पर्क किया गया,फोन ना मिलने पर इसकी जानकारी उनके द्वारा पुलिस को दी गयी थी,साथ ही आश्रम से जुड़े लोगों को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था और एसएसपी से भी उन्हांने ही कार्यवाही के लिए कहा था। कुछ लोग उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास कर अपराधिक तत्वों को बचाने में लगे हैं। कथा वाचिका ने कहा कि वह इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग करती हैं।
वृंदावन पुलिस इस प्रकरण का शीघ्र खुलासा करने का दावा कर रही है। आश्रम से जुड़े सूत्रों के अनुसार महंत की बरामदगी के लिए तंत्र-मंत्र का भी सहारा लिया जा रहा है। इसमें कुछ तांत्रिक 4-5 दिन के अंदर महंत बालमुकुंद शरण शास्त्री के सकुशल वापस आने का दावा किया जा रहा है। आखिर यह दावा कितना सच साबित होगा, यह तो आने वाला वक्त बताएगा। लेकिन वृंदावन के संत समाज को महंत की सकुशल वापसी की उम्मीदें नजर नहीं आ रही हैं और घटना के पीछे भूमाफियाओं और तथाकथित संतों का हाथ माना जा रहा है।