5 अगस्त के आंदोलन की तैयारियों में जुटा रालोद, योगेश नौहवार की जमानत पर न हो सकी सुनवाई

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5 अगस्त के आंदोलन की तैयारियों के लिए आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए वरिष्ठ नेता कुंवर नरेंद्र सिंह।

मथुरा। पंचायत चुनाव के दौरान पुलिस पर हमले के आरोप में जेल में बंद रालोद नेता योगेश नौहवार सहित अन्य ग्रामीणों की रिहाई को लेकर 5 अगस्त को जिला मुख्यालय पर होने वाले प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए जहां रालोद तैयारियों में जुटा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने फरार आरोपियों के घरों पर कुर्की का नोटिस चस्पा कर माहौल को गरमा दिया है। जिससे पुलिस और रालोद के मध्य टकराव के हालात बन रहे हैं। वहीं योगेश नौहवार की जमानत पर शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी।

पंचायत चुनाव के दौरान गांव मुड़लिया में एक प्रत्याशी के समर्थन में दी जा रही दावत को रोकने के लिए पहुंची पुलिस टीम पर हमला हो गया था। इस मामले में वरिष्ठ रालोद नेता एवं 2 बार मांट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके योगेश नौहवार सहित 23 ग्रामीणों को नामजद एवं करीब 200-250 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ थाना नौहझील में 20 अप्रैल को मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें रालोद नेता योगेश नौहवार, जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी सोनू प्रधान एवं 3 अज्ञात सहित 20 लोगों को अब तक जेल भेजा जा चुका है। इनमें 6 नामजद अभी गिरफ्तार नहीं हो सके हैं। अब तक 3 आरोपी विकास पुत्र सतवीर, महेंद्र प्रताप पुत्र वीरी सिंह एवं महेंद्र प्रताप के पुत्र की जमानत इलाहाबाद उच्च न्यायालय से मिलने के बाद रिहा हो चुके हैं। जबकि दूसरी ओर शुक्रवार को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में एक आरोपी राहुल की जमानत मंजूर हो गई। वहीं रालोद नेता योगेश नौहवार की जमानत पर सुनवाई ही नहीं हो सकी।

दूसरी तरफ तीन माह से जेल में बंद रालोद नेता सहित अन्य ग्रामीणों को पुलिस हमले के मामले में रालोद ने पुलिस उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए 5 अगस्त को जिला मुख्यालय पर आंदोलन का ऐलान किया है। निर्दोषों को जेल भेजे जाने को लेकर रालोद ने गत दिवस जिलाधिकारी और एसएसपी से भी मुलाकात कर पूरे प्रकरण से अवगत कराया था। साथ ही यह भी बताया था कि इस मामले में नाबालिग एवं वृद्धजनों को भी नामजद किया गया है। रालोद ने नाबालिग एवं बुजुर्गों का नाम एफआईआर से निकाले जाने एवं जेल में बंद लोगों को बाहर निकालने की मांग की थी। इस पर डीएम ने निर्दोष ग्रामीणों को जेल न भेजे जाने और जेल में बंद ग्रामीणों की रिहाई में सहयोग करने का भी आश्वासन दिया, लेकिन इसके बाद भी फरार आरोपी किशन सिंह पुत्र रामचरण, महेंद्र पुत्र भूरा, धर्मवीर पुत्र श्याम सिंह, जगपाल पुत्र ओमप्रकाश, श्लोक पुत्र संतोष और संतोष पुत्र हुकुम सिंह निवासीगण गांव मुड़लिया थाना नौहझील के मकानों पर पुलिस ने कुर्की का नोटिस चस्पा कर दिया है।

इसे लेकर ग्रामीणों में जहां फिर से दहशत का माहौल उत्पन्न हो गया है। वहीं आक्रोश भी पनप रहा है। पुलिस उत्पीड़न को लेकर रालोद द्वारा 5 अगस्त को आयोजित धरना प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए गत दिवस जिला पंचायत सदस्य चौधरी देवराज सिंह के नौहझील स्थित आवास पर रालोद की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्रीय जनता से बड़ी संख्या में धरना प्रदर्शन में भाग लेने की अपील करते हुए आंदोलन की तैयारियों को मूर्त रूप दिया गया।

रालोद के ब्रज क्षेत्र अध्यक्ष जगपाल सिंह चेयरमैन ने “विषबाण” को बताया कि आए दिन हो रही लूटपाट की घटनाएं एवं पुलिस द्वारा निर्दोषों को जेल भेजे जाने, भ्रष्टाचार, लचर कानून व्यवस्था, महंगाई सहित अन्य मुद्दों को लेकर 5 अगस्त को धरना प्रदर्शन में जनपद भर से हजारों ग्रामीणों को बुलाया गया है। सरकार और प्रशासन के खिलाफ गांव-गांव आंदोलन चलाया जाएगा। कहा कि पूरे जनपद से पुलिस द्वारा जेल भेजे गए निर्दोषों का डाटा संकलित किया जा रहा है। जिन्हें न्याय दिलाने के लिए रालोद संघर्ष करेगा। उन्होंने जनता से आंदोलन में भाग लेने की अपील की।

इस संबंध में पुलिस पर हमले के आरोप में जेल में बंद आरोपियों के अधिवक्ता एवं बार के पूर्व सचिव भानुप्रताप सिंह एडवोकेट ने “विषबाण” को बताया कि पुलिस द्वारा जेल में बंद सभी आरोपियों की चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। जबकि शेष आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार करने में जुटी है। जिससे होने वाले प्रदर्शन से पीड़ितों को जिला प्रशासन से राहत की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। इस मामले में स्थानीय प्रशासन द्वारा शासन को पत्र लिखकर राहत की मांग करनी होगी। इसके बाद ही शासन स्तर से कुछ राहत मिल सकती है।

रालोद के आंदोलन से ग्रामीणों को कोई राहत मिल पाएगी अथवा नहीं, यह तो वक्त बताएगा लेकिन जिस तरह रालोद अपने आंदोलन को सफल बनाने के लिए सक्रिय नजर आ रहा है और नौहझील क्षेत्र की जनता में जो आक्रोश नजर आ रहा है। उसे लेकर पुलिस प्रशासन और रालोद समर्थकों में टकराव के हालात नजर आ रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि जिला प्रशासन इस आंदोलन को टालने के लिए रालोद नेताओं से लगातार संपर्क कर रहा है लेकिन रालोद नेता पीछे हटने को तैयार नजर नहीं आ रहे हैं।