मीडिया गैंग का कारनामाः राशन माफिया से वसूले 80 हजार

0
1640

मथुरा। जनपद में गरीबों का राशन आपूर्ति विभाग, पुलिस प्रशासन से लेकर मीडिया गैंग के लिए वरदान साबित हो रहा है। ताजा मामला वृंदावन में सामने आया है। जहां तथाकथित महिला पत्रकार द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर राशन माफिया से 80 हजार रूपए की वसूली कर डाली।

वृंदावन में गत दिवस गरीबों में वितरित होने वाला राशन गाड़ी से जा रहा था। बताया जाता है कि इसी दौरान एक तथाकथित महिला पत्रकार अपने कुछ साथियों के साथ वहां पहुंच गई और उसने राशन की गाड़ी को रूकवा कर वीडियो आदि बनाना आरंभ कर दिया। इसके बाद राशन की गाड़ी से संबंधित व्यक्ति भी वहां पहुंच गए और तथाकथित पत्रकारों के साथ सौदेबाजी शुरू हो गई। बताते हैं कि लाखों की डिमांड के बाद सौदा 80 हजार पर आकर तय हुआ। इससे पहले राशन माफिया को खूब आपूर्ति विभाग और पुलिस प्रशासन का भय दिखाया गया ताकि उस पर दबाव बनाकर लाखों की वसूली हो सके लेकिन हाथ में सिर्फ 80 हजार रूपए ही आ सके। इस वसूली को लेकर सोशल मीडिया पर कथित पत्रकार ही आपस में भिड़ गए हैं और इससे सबंधित आॅडियो भी वायरल किए जा रहे हैं।

बताते हैं कि इसी पत्रकारों के इसी गैंग ने पूर्व में भी ऐसी ही कई वसूली की है। जिनमें यमुना एक्सप्रेस वे और हाईवे पर राशन के ट्रकों से वसूली शामिल है। गणेशरा के निकट भी लाखों की वसूली हो चुकी है। बताते हैं कि इसी तथाकथित महिला पत्रकार के खिलाफ एक स्कूल संचालक द्वारा जैंत चौकी में मुकदमा दर्ज कराया गया था।

इससे पूर्व ही एक गैंग पर वृंदावन के एक व्यक्ति ने 5 लाख रूपए की चौथ वसूली की डिमांड करने की शिकायत एसएसपी से की थी। इसमें भी कोई कार्यवाही नहीं हो सकी। मीडिया गैंग का आतंक इतना है कि एक दूसरे मीडिया गैंग ने एक महिला को आगे कर भागवत वक्ता देवकीनंदन ठाकुर से भी करीब डेढ़ करोड़ रूपए की डिमांड कर दी थी। इसमें महिला ने देवकीनंदन ठाकुर के खिलाफ थाना हाईवे में मुकदमा दर्ज करा दिया था। बाद में देवकी नंदन ठाकुर ने भी महिला सहित अन्य के खिलाफ चौथ वसूली के आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले में भी कोई कार्यवाही नहीं हो सकी थी।

तथाकथित पत्रकारों द्वारा इस तरह की वसूली के मामलों में कई बार थानों में मुकदमे भी दर्ज हो चुके हैं हालांकि उन पर कार्यवाही नहीं हो सकी। बताते हैं कि जब भी पुलिस अथवा प्रशासन ऐसे तथाकथित पत्रकारों के मीडिया गैंग पर कार्यवाही करने के लिए प्रयास करता है। तभी मीडिया गैंग के सरगना द्वारा पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाकर कार्यवाही करने से रोक दिया जाता है। इसके चलते ही ऐसे तथाकथित पत्रकारों के हौसले काफी बुलंद हो जाते हैं और वह अपनी अगली वसूली पर निकल पड़ते हैं।