अधिवक्ता युवती रेपकांडः मुख्य आरोपी अधिवक्ता की जमानत याचिका खारिज

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मथुरा। शहर के सबसे चर्चित अधिवक्ता युवती के बलात्कार मामले में मुख्य आरोपी की जमानत याचिका शुक्रवार को मथुरा न्यायालय ने खारिज कर दिया। इस मामले में पहले 15 जून को सुनवाई हुई थी। जिसके बाद 18 जून शुक्रवार को तारीख दे दी गई थी। शुक्रवार को हुई सुनवाई के बाद आरोपी की जमानत खारिज कर दी गई। इस मामले में अभी 3 आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं।

अवगत करा दें कि थाना हाईवे क्षेत्र निवासी अधिवक्ता युवती ने 7 मई 2021 को थाना हाईवे में बीएसए कालेज के लाॅ प्रोफेसर डीडी चैहान एडवोकेट, उनके भाई विष्णु चैहान, भाई की पत्नी मछला चैहान एवं मित्र विनोद बिंदल एडवोकेट के खिलाफ बलात्कार करने का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर पीड़िता ने 28 मई को एसएसपी कार्यालय पर आत्मदाह करने का प्रयास किया था। इसके चलते अगले ही दिन 29 मई 2021 को पुलिस ने मुख्य आरोपी प्रो. डीडी चैहान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आरोपी की जमानत याचिका पर 15 जून बुधवार को अपर जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश कमलेश कुमार पाठक की न्यायालय में सुनवाई हुई। हालांकि प्रकरण में सुनवाई पूरी नहीं हो सकी।

15 जून को सुनवाई पूरी न होने के बाद आज 18 जून शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्पेशल कोर्ट न्यायाधीश हरेंद्र की अदालत में करीब 3 घंटे तक पीड़िता पक्ष एवं आरोपी पक्ष के बीच बहस हुई। पीड़िता के अधिवक्ता राधारमण उपाध्याय, विवेक गौतम एवं अनिल सक्सेना आजाद और आरोपी की ओर से अधिवक्ता नंदकिशोर उपमन्यु सहित करीब आधा दर्जन से भी अधिक अधिवक्ताओं ने आपस में बहस की। इस दौरान पीड़ित अधिवक्ता भी अदालत में मौजूद रही और बहस में भाग लिया। बहस के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी गई। अदालत परिसर भी खचाखच भरा हुआ था। आज की सुनवाई पर अधिवक्ताओं की निगाहें टिकी हुई थीं। इस मुकदमे में जहां पीड़िता भी अधिवक्ता है वहीं नामजद 4 आरोपियों में डीडी चौहान एवं विनोद बिंदल भी अधिवक्ता हैं। जबकि 2 अन्य नामजद आरोपी जेल में बंद मुख्य आरोपी डीडी चौहान के भाई एवं उसकी पत्नी हैं। पीड़िता अधिवक्ता युवती ने विषबाण को बताया कि आरोपी डीडी चौहान की जमानत याचिका खारिज हो गई हैं। कहा कि उन्हें कानून पर पूरी तरह भरोसा है।