आगरा-अलीगढ़ मंडल में भाजपा की सूची से अग्रवाल समाज का पत्ता साफ, भड़का असंतोष

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मथुरा। भाजपा द्वारा प्रथम चरण के चुनाव के लिए घोषित की गई प्रत्याशियों की सूची में आगरा-अलीगढ़ मंडल की 20 सीटों पर अग्रवाल समाज के किसी भी व्यक्ति को टिकट न दिए जाने से समाज में असंतोष बढ़ता दिखाई दे रहा है। यदि यह असंतोष मतदान के दिन दिखा तो आगरा-अलीगढ़ मंडल की सीटों पर कई प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ सकता है।

शनिवार को भाजपा हाईकमान द्वारा आगरा-अलीगढ़ मंडल की 20 सीटों सहित प्रदेश की 58 सीटों के प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद अग्रवाल समाज में किसी भी नेता को टिकट न मिलने से समाज में असंतोष का धुंआ उठता नजर आ रहा है। बताया जाता है कि बीते 2017 के विधानसभा चुनाव में आगरा उत्तर से जगन प्रसाद गर्ग और खेरागढ़ विधानसभा से महेश गोयल को टिकट दिया गया था। जिसमें दोनों ही विजयी घोषित हुए थे। जगन प्रसाद गर्ग के निधन के बाद जहां पुरूषोत्तम खंडेलवाल को आगरा उत्तर से प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं खेरागढ़ विधानसभा से सिटिंग विधायक महेश गोयल का टिकट काटकर भगवान सिंह कुशवाहा को प्रत्याशी घोषित किया गया है।

वहीं अलीगढ़ जनपद की 6 सीटों में से किसी भी सीट पर अग्रवाल या किसी अन्य वैश्य को टिकट नहीं दिया गया है। वहीं मथुरा जनपद की 5 सीटों पर भी किसी भी वैश्य को प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है। जिससे असंतोष पनपता नजर आ रहा है। आगरा, अलीगढ़ एवं मथुरा शहर की सीटों पर अग्रवाल सहित अन्य वैश्य मतदाताओं की संख्या बहुतायत में है। यह मतदाता प्रत्याशी की जीत-हार तय करते हैं। इसके बाद भी वैश्य समाज को टिकट न दिए जाने का निर्णय काफी चौंकाने वाला है।

मथुरा-वृंदावन विधानसभा सीट से इस बार किसी वैश्य प्रत्याशी को चुनाव लड़ाए जाने की चर्चाएं जोरों पर थीं। जिसमें भाजपा के महानगर अध्यक्ष विनोद अग्रवाल सुपारी वाले, कल्पना गर्ग प्रमुख दावेदारों में शामिल थे। छाता विधानसभा सीट से पूर्व में चुनाव लड़ चुके तरूण सेठ सहित अन्य नेता भी दावेदार थे। अन्य विधानसभा सीटों पर भी वैश्य समाज अपनी दावेदारी कर रहा था लेकिन भाजपा हाईकमान ने सभी की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए मथुरा-वृंदावन विधानसभा सीट से श्रीकांत शर्मा को फिर से प्रत्याशी घोषित कर दिया।

इस संबंध में विषबाण न्यूज द्वारा टिकट के दावेदार भाजपा के महानगर अध्यक्ष विनोद अग्रवाल से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान द्वारा जो निर्णय लिया गया है, हम उसके साथ हैं।

आशुतोष गर्ग

टिकट की दूसरी प्रमुख दावेदार कल्पना गर्ग के पति आशुतोष गर्ग जो कि उप्र वैश्य समाज संगठन के जिलाध्यक्ष हैं, ने विषबाण न्यूज को बताया कि भाजपा द्वारा वैश्य समाज का प्रयोग केवल मंच, लंच और चंदा तक किया जाता है। बीते तीन विधानसभा चुनावों से वैश्य समाज को भाजपा द्वारा कोई प्रमुखता नहीं दी गई है। मेयर की सीट भी सुरक्षित कर दी गई थी। जिससे आज वैश्य समाज जनपद में राजनीति विहीन हो गया है। वर्तमान में वैश्य समाज का कोई प्रतिनिधि न तो विधायक है, न किसी नगर पालिका अथवा नगर पंचायत का अध्यक्ष है। राजनीति में वैश्य समाज की हिस्सेदारी समाप्त हो गई है। इसके लिए वैश्य समाज को जागरूक होना होगा और अपने हक के लिए लड़ना होगा। श्री गर्ग से पूछा गया कि क्या वह भाजपा प्रत्याशी का विरोध करेंगे तो उन्होंने कहा कि वह पार्टी प्रत्याशी का विरोध नहीं करेंगे लेकिन अपनी आवाज वैश्य समाज के हितों के लिए बुलंद करते रहेंगे।