डेढ़ माह बीतने के बाद भी संचालित नहीं हो सके अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय

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मथुरा। बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा किस तरह खुलेआम शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इसका एक और ताजा मामला सामने आया है। शैक्षिक सत्र 2019-20 के आरंभ होने के साथ ही एक अपै्रल से मथुरा जनपद के परिषदीय विद्यालयों में से कुछ विद्यालयों को चयनित कर उन्हें अंग्रेजी विद्यालयों के रुप में संचालित करना था। सत्र शुरु हुए डेढ़ माह बीत चला है लेकिन अभी तक जनपद में विद्यालयों का चयन ही नहीं हो सका है।


कान्वेंट स्कूलों को परिषदीय स्कूलों से टक्कर दिलाने के लिए शासन स्तर से परिषद् के कुछ बेहतर स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में परिवर्तित कर उन्हें संचालित करने की योजना आरंभ की गई थी। गत वर्ष विद्यालयों का चयन कर स्कूलों को संचालित कर दिया गया। लेकिन विभागीय अधिकारी उनमें वर्ष भर मानकों के अनुरुप शिक्षकों की संख्या ही पूरी नहीं कर सके। इसके बाद इस वर्ष के आरंभ में ही शासन से आदेश मिले थे कि एक अपै्रल से शुरु हो रहे नए शैक्षिक सत्र में जनपद के प्रत्येक ब्लॉक में से 5 प्राथमिक विद्यालय और एक पूर्व माध्यमिक विद्यालय का चयन कर उन्हें इंग्लिश मीडियम के स्कूल के रुप में संचालित किया जाए।

इस तरह मथुरा जनपद में कुल 55 प्राईमरी और 11 पूर्व माध्यमिक विद्यालयों का चयन होना था। विद्यालयों के चयन करने के बाद इनमें नवीन शिक्षकों की नियुक्ति की जानी थी। लेकिन सत्र आरंभ हुए लगभग डेढ़ माह बीत चुका है अभी तक स्कूलों का ही चयन किया जा सका है। अब 9 दिन बाद 20 मई से ग्रीष्मावकाश आरंभ हो जाएंगे। देखना होगा कि जनपद में अब इंग्लिश मीडियम के स्कूलों का चयन होकर कब तक इनका संचालन आरंभ हो पाता है अथवा बीएसए द्वारा शासन की मंशा को इस सत्र में पलीता लगा दिया जाएगा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर से उनका पक्ष जानने के लिए उन्हें लगातार फोन किए जाने के बाद भी उनका फोन अटेंड नहीं हो सका। डायट प्राचार्य डॉ. मुकेश अग्रवाल ने विषबाण को बताया कि इंग्लिश मीडियम के विद्यालयों की चयन समिति में वह नहीं हैं। इसलिए इस संबंध में उनके पास कोई जानकारी नहीं है।