प्रियाकान्तजू मन्दिर में मची शरदोत्सव की धूम

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वृन्दावन । ठा0 श्री प्रियाकान्तजू मंदिर पर सम्पूर्ण कलाओं से युक्त चन्द्रमा की धवल चांदनी में शरदोत्सव मनाया गया। मंदिर प्रागंण में हजारों श्रद्धालुओं ने पूर्णिमा पर देर रात्रि तक भक्ति संकीर्तन संग राधा-कृष्ण के युगल गीतों पर जमकर नृत्य किया । सेवायतों ने प्रियाकान्तजू विग्रह को श्वेत वस्त्र पहनाये और भोग के लिये मेवाओं से भरी खीर को चन्द्रमा की रोशनी में रखा । रात्रि 2 बजे महोत्सव समापन पर शरद पूर्णिमा का यह प्रसाद भक्तों में बंाटा गया ।

रविवार को मंदिर प्रागंण में आधा दर्जन से ज्यादा कलाकारों ने मधुर भजनों से श्रोताओं को भावविभोर हो नाचने पर विवश कर दिया । बाँसुरी बजायके, चित्त चोर लीनो श्याम ने….., ऐसो राच रचो वृन्दावन, है रही पायल की झॅनकार… जैसे भजनो पर भक्त खूब थिरके । भजन गायकों ने बाँसुरी बजायके कर दीने बावरे, ओ साॅवरें……, आज परदा हटा दो कन्हैया, मैं तुम्हें देख लूँ, तुम मुझे देख लो…., कुछ पाने की खातिर तेरे दर, हम भी झोली फैलाये हुये हैं…., फॅंसी भंवर में थी मेरी नैया, चलायी तूने तो चल पड़ी है…, जैसे भजनों से पूरे माहोल को राधा-कृष्ण रासमण्डल मंे परिवर्तित कर दिया ।

इस अवसर पर मंदिर परिसर में भक्तों के लिये भण्डारा किया गया । विश्व शांति सेवा चैरीटेबल ट्रस्ट के आचार्य श्यामसुन्दर शर्मा, मंदिर व्यवस्थापक रवि रावत, गजेन्द्र सिंह, विष्णु शर्मा, योगेश शर्मा, धमेन्द्र सिंह, अमित, दिवाकर पचहरा आदि उपस्थित थे । भजन गायकों में संध्या तौमर, तिलक वर्मा, विनोद शर्मा, रूपेश शर्मा, दिनेश गोस्वामी आदि ने अपनी प्रस्तुति दी ।