सुरीर आत्मदाह : जोगेन्द्र के बाद पत्नी चन्द्रवती ने भी तोड़ा दम, दबंगों ने दी धमकी

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मथुरा। पुलिस-दबंगों के गठजोड़ से त्रस्त पीड़ित पति-पत्नी द्वारा सुरीर कोतवाली के अन्दर आग लगाने पर मजबूर होने तथा उपचार के दौरान पति की मौत के बाद अब पत्नी ने भी देर रात्रि में दम तोड़ दिया। कस्बा सुरीर तनाव पूर्ण माहौल को देखते हुए जहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है वहीं मारपीट के मुख्य आरोपी के अलावा अन्य सभी आरोपी फरार हैं। बल्कि दबंगों के परिजनों द्वारा पीड़ित के चाचा को धमकी दिये जाने के आरोप सामने आये हैं।
कस्बा सुरीर कलां निवासी ईंट भट्टा मजदूर जोगेन्द्र ठाकुर एवं उसकी पत्नी चन्द्रवती ने पड़ोसी दबंगों एवं पुलिस के गठजोड़ से त्रस्त होकर 28 अगस्त की सुबह करीब 8ः30 बजे सुरीर कोतवाली के अन्दर पुलिस कर्मियों की उपस्थित में पैट्रोल छिड़ककर आग के हवाले कर दिया था। जिन्हें उपचार के लिये सफदर जंग अस्पताल दिल्ली में भर्ती कराया गया। जहां एक सितम्बर को जोगेन्द्र की मौत हो गई थी। इसके बाद शुक्रवार देर रात 11 बजे चन्द्रवती ने भी अन्तिम सांस लेते हुए दम तोड़ दिया। समाचार लिखे जाने तक चन्द्रवती का शव दिल्ली से सुरीर लाया जा रहा था वहीं दूसरी तरफ उक्त घटना में पीड़ित के बेटे जगदीश को न्याय दिलाने में लगे मृतक जोगेन्द्र के चाचा लीलाधर उर्फ गुड्डू ठाकुर को फरार बबलू ठाकुर के परिजनों ने जान से मारने की धमकी देते हुए मृतक दम्पति के बेटे का साथ ना देने की चेतावनी दी है।

धमकी से बुरी तरह आतंकित गुड्डू ठाकुर ने ‘‘विषबाण’’ से बातचीत में कहा कि बबलू ठाकुर के परिजनों द्वारा बीतचीत में कहा कि बबलू ठाकुर के परिजनों द्वारा जोगेन्द्र की तरह ऊपर पहुंचाने की धमकी है। जिसकी जानकारी सुरीर पुलिस को भी दी गई है। उन्होंने कहा कि जोगेन्द्र एवं उसकी पत्नी की मौत के लिये जहां पुलिस जिम्मेदार है वहीं उसके साथ भी अगर कोई घटना होता ही तो उसके लिये भी पुलिस जिम्मेदार है। उनका कहना है जोगेन्द्र की मौत के 7 दिन बाद भी ना कोई आरोपी गिरफ्तार नहीं किया गया है जिससे दबंगों के हौंसले बुलन्द हैं।इस घटना में जहां उच्च अधिकारी ने सुरीर कोतवाल दो सब इंस्पेक्टर की तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया था वहीं मारपीट कर घायल करने की मृतक दम्पत्ति की रिपोर्ट आनन-फानन में दर्ज कर मुख्य आरोपी सत्यपाल तथा उसके संरक्षण दाता मोहनश्याम शर्मा को 28 अगस्त को ही गिरफ्तार कर लिया गया था। जिसमें सत्यपाल को न्यायालय ने जेल भेज दिया और मोहन श्याम शर्मा को जमानत दे दी गई जो जोगेन्द्र की मौत के बाद अन्य आरोपियों के साथ फरार है।

सुरीर कांड: दबंगों ने किसी की मूंछ उखाड़ी तो किसी को खिलाया शौच

चारों आरोपियों की फरारी के बाद वरिष्ट पुलिस अधीक्षक शलभ माथुर ने मोहनश्याम शर्मा, बबलू ठाकुर, सिम्मो, थान सिंह पर 25-25 हजार का इनाम घोषित कर दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ आरोपी पक्ष के बचाव में तथा-कथित जातीय संगठनों के ठेकेदार एवं एक राजनैतिक दल के नेता भी बचाव में आ गये हैं। जबकि दबंगों के सामने पीड़ित पक्ष की मदद में कोई खड़ा नजर नहीं आ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि मोहनश्याम शर्मा, बबलू ठाकुर की दबंगई के सामने कोई भी पीड़ित पक्ष के साथ खड़े होने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। बल्कि अनेक लोग आरोपियों की खुलेआम बचाव के लिये सामने आ गये हैं।

इस मामले का खास पहलू ये है कि पुलिस ने मृतक के पुत्र जगदीश से अपना बचाव करते हुए गांव के ही 5 लोगों के खिलाफ कोतवाली के बाहर जोगेन्द्र एवं चन्द्रवती पर तेल छिड़ककर आग लगाने की रिपोर्ट जोगेन्द्र की मौत से पूर्व ही करा ली गई थी। जिस पर पुलिस कार्यप्रणाली को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश नजर आ रहा था। जिसमें पुलिस ने हत्या के मुकद्मे को आत्महत्या के लिये मजबूर करने कथा तो बदल डाली लेकिन मौत होने तक पुलिस को जिम्मेदार बताता रहा जिसके ऑडियो-वीडियो भी हैं। लेकिन दोषी पुलिस कर्मियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। कस्बा सुरीर में तनाव पूर्ण माहौल बना हुआ था।