मजदूर की विधवा पत्नी को बीमा कंपनी ने दिखाया ठेंगा, अब देने होंगे 5 लाख

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मथुरा। किसान हित और सर्व हित बीमा योजना के भली भांति संचालन का दावा करने वाली कंपनियां किस तरह किसानां और मजदूरों का शोषण कर रही हैं। इसका एक और ताजा मामला सामने आया है। एक परिवार के मुखिया की सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने और उसके पात्र होने के बाद भी इंश्योरेंस कंपनी द्वारा दुर्घटना बीमा का क्लेम नहीं दिया गया। इससे पीड़ित ने जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया। उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को क्लेम का भुगतान करने के निर्देश दिए हैं।
मथुरा तहसील के गांव बाजना निवासी मधु पत्नी स्व. पुष्पेंद्र द्वारा जिला उपभोक्ता फोरम में द ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ वाद दायर किया गया था। शिकायत थी कि उसके पति पुष्पेंद्र जो कि परिवार के मुखिया और अकेले कमाने वाले थे उनकी मौत सड़क दुर्घटना में हो गई थी। प्रदेश सरकार द्वारा सर्व हित बीमा योजना के तहत ऐसे व्यक्ति जो कि परिवार का मुखिया हो और उसकी वार्षिक आय 75 हजार रुपए से कम हो तो मुखिया की मौत होने की स्थिति में दुर्घटना क्षतिपूर्ति धनराशि 5 लाख रुपए उसके परिवार को दिए जाते हैं। बताया कि पीड़िता मधु ने बीमा कंपनी को अपने पति की मौत की सूचना साक्ष्यों सहित उपलब्ध करा दी। कंपनी ने एक माह के अंदर क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किए जाने का आश्वासन दिया लेकिन उसके क्लेम को बाद में बिना किसी उचित कारण के ही निरस्त कर दिया। इससे परेशान होकर पीड़िता ने जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दायर कर दिया। उपभोक्ता फोरम ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद पीड़िता मधु के पक्ष में निर्णय सुनाते हुए बीमा कंपनी को निर्देश दिया है कि वह मधु को परिवार प्रस्तुत करने की तिथि से लेकर अदा करने की तिथि तक 5 लाख रुपए मय 6 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर से और वाद व्यय के रुपए में 3 हजार रुपए 30 दिन के अंदर अदा करे। इस निर्णय से पीड़िता मधु ने राहत की सांस ली है।