मथुरा में कमल को रौंद पाएगा साइकिल पर बैठा हाथी!!

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चंद्रशेखर गौड़
मथुरा। केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश की धार्मिक दृष्टिकोण वाली तीन सीटें वाराणसी, अयोध्या और मथुरा काफी मायने रखती हैं। वर्तमान में तीनों ही सीटों पर भाजपा का ही कब्जा है। इनमें से वाराणसी से तो स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आम चुनाव जीतकर सांसद हैं। वहीं मथुरा सीट पर बॉलीवुड ड्रीमगर्ल हेमामालिनी काबिज हैं। इससे पहले भी भाजपा का मथुरा सीट पर अच्छा प्रदर्शन रहा है। अब सपा-बसपा गठबंधन की घोषणा के बाद मतदाताओं में चर्चा है कि क्या यह गठबंधन मथुरा सीट पर भाजपा के तिलिस्म को तोड़ने में कामयाब हो सकेगा।
योगीराज श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा, मर्यादा पुरुषोत्तम राम श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या और महाकाल शिवजी की नगरी वाराणसी भारतीय जनता पार्टी के लिए धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। यही कारण है कि भाजपा शुरु से ही उक्त तीनों सीटों पर जीत की पताका फहराने का जी तोड़ प्रयास करती है। इनमें से मथुरा सीट के मतदाता भाजपा को भी अपनी ही पार्टी समझते हैं और भाजपा को बकायदा विश्वास के साथ अपना मत देकर विजयी बनाते हैं। यही कारण है कि वर्ष 1991 से लेकर वर्ष 1999 के बीच हुए चार लोकसभा चुनाव में भाजपा ने लगातार चार चुनावों में जीत हासिल कर अपने प्रतिद्वंदी को चारों खाने चित कर दिया था। इनमें से भी वर्ष 1996, 1998 और 1999 में भाजपा के तेजवीर सिंह ने लगातार जीत हासिल कर मथुरा सीट पर पहली बार हैट्रिक बनाई थी। जबकि वर्ष 1991 में स्वामी साक्षीजी महाराज भाजपा से सांसद बने थे। इसके बाद वर्ष 2004 में कांग्र्रेस से मानवेंद्र सिंह ने चुनाव जीता लेकिन फिर वर्ष 2009 में भाजपा ने रालोद को समर्थन दिया और रालोद के उम्मीदवार जयंत चौधरी विजयी रहे। इसके बाद वर्ष 2014 में भाजपा से ही हेमामालिनी ने रालोद के जयंत चौधरी को लगभग 3.30 लाख वोटों से हराया था। इस तरह मथुरा सीट भाजपा के लिए मुफीद समझी जाती है। वहीं दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी मथुरा सीट पर वर्ष 1998, 2004 और 2009 में दूसरे नंबर पर रही थी। जबकि वर्ष 2014 के चुनाव में बसपा तीसरे नंबर पर रही थी। इस तरह देखा जाए तो मथुरा में बसपा का वोटर्स भी काफी मजबूत स्थिति में है। ऐसे में अब 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा और सपा के गठबंधन के बाद मतदाताओं में दिलचस्पी बढ़ गई है कि क्या सपा-बसपा का उम्मीदवार भाजपा के प्रत्याशी को धूल चटाने में सफल हो सकेगा।

सिर्फ बीजेपी ही जीती है लगातार चार बार

योगीराज श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा पर सिर्फ भाजपा ही ऐसी पार्टी रही है जो कि लगातार चार लोकसभा चुनाव में अपना सांसद बनाने में कामयाब रही है। अन्यथा कोई अन्य पार्टी यहां से लगातार दो बार चुनाव नहीं जीत सकी है। फिर चाहे वह राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस ही क्यों न हो। हालांकि तीन बार लगातर चुनाव जीतने वाले तेजवीर सिंह के अलावा कुंवर मानवेंद्र सिंह लगातार दो बार चुनाव जीत चुके हैं लेकिन उन्होंने एक बार वर्ष 1984 में कांग्रेस से चुनाव जीता था तो दूसरा चुनाव वर्ष 1989 में जनता दल से सांसद चुने गए थे। मानवेंद्र सिंह तीसरी बार वर्ष 2004 में कांग्रेस की टिकट पर ही सांसद बने थे।