प्रो. मीता नारायण को मिला रूसी सरकार से सम्मान

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नई दिल्ली। रूसी दूतावास के संस्कृति केंद्र में आयोजित एक समारोह में प्रोफेसर डॉ. मीता नारायण को रूस की सरकार के किसी भारतीय को रूसी भाषा में योगदान के लिए दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान ‘पुष्किन मेडल’ से सम्मानित किया गया। श्रीमती नारायण ने इसे बांके बिहारीजी की अनुकंपा बताया। प्रोफेसर मीता नारायण द ब्रज फाउंडेशन के अध्यक्ष विनीत नारायण की धर्मपत्नी हैं।
डाॅ. मीता नारायण विगत 35 वर्षों से दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रूसी भाषा पढ़ा रही हैं। रूस में साम्यवाद खत्म होने के बाद भी रूसी भाषा का पाठ्यक्रम सारी दुनिया में साम्यवादी कलेवर लिए हुए था। डॉ. मीता नारायण ने वर्षों मेहनत करके स्नातक छात्रों के लिए आधुनिक संदर्भ में नई पाठ्यपुस्तकें लिखीं। जो आज भारत ही नहीं रूस, यूरोप, अमरीका, कनाडा तक के विश्वविद्यालयों के रूसी भाषा विभागों में पढ़ाई जा रही हैं। इस संदर्भ में श्रीमती नारायण को इन विश्विद्यालयों में व्याख्यान देने व अल्पकालिक कोर्स पढ़ाने प्रायः बुलाया जाता है। मीता नारायण
दिल्ली के सबसे प्रतिष्ठित माडर्न स्कूल की मेधावी छात्रा रहीं हैं। वह पढ़ाई की शुरुआत से ही प्रत्येक कक्षा में टाॅपर आती रहीं हैं। उन्हें भारत सरकार के मानव संसाधान मंत्रालय का मेधावी छात्र वजीफा भी मिलता रहा है। मीता नारायण काफी धार्मिक प्रवृत्ति की हैं। वह पूजा पाठ में काफी विश्वास रखती हैं। अपने अतिव्यस्त अकादमिक जीवन में भी वे प्रातः अपने घर लड्डूगोपाल जी का नित्य नया श्रृंगार एवं पूजा अर्चना करके ही घर से निकलती हैं। वह अपने पति विनीत नारायण के ब्रज सेवा के कार्यों में भी दिल्ली कार्यालय में पूर्ण सहयोग करती हैं।