मथुरा। देश भर में चर्चित हुए कोतवाली में दंपत्ति द्वारा स्वयं को आग लगाने के प्रकरण में शनिवार को उस समय एक नया मोड़ आ गया। जब दंपत्ति के पुत्र ने 5 लोगों के खिलाफ थाने के बाहर मिट्टी का तेल छिड़क कर उसके माता-पिता को आग लगाने के मामले में सुरीर कोतवाली में नामजद मुकदमा दर्ज कराया। इस मामले में लापरवाही बरतने के कारण इंस्पेक्टर एवं दो दरोगा निलंबित किए जा चुके हैं।
कस्बा सुरीरकलां निवासी जोगेंद्र एवं उसकी पत्नी चंद्रवती ने दबंगों के आतंक से त्रस्त होकर एवं पुलिस द्वारा सुनवाई न किए जाने से आहत होकर थाना प्रांगण में 28 अगस्त को स्वयं को आग लगा ली थी। दोनों को चिंताजनक हालत में दिल्ली स्थित अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया। जहां दोनों की हालत गंभीर बनी हुई है। इस मामले के देशभर में गूंजने के बाद योगी सरकार की सख्ती के चलते इंस्पेक्टर अनूप सरोज, सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार एवं दीपक नागर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। जबकि मारपीट के प्रमुख आरोपी सत्यपाल सिंह पुत्र थान सिंह तथा साजिश के आरोपी पूर्व प्रधान मोहनश्याम शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी मोहनश्याम को न्यायालय से जमानत मिल गई। जबकि सत्यपाल सिंह को न्यायालय द्वारा जेल भेज दिया गया। उधर शनिवार दोपहर में इस मामले में एक नया मोड़ आ गया। जब दंपत्ति के नाबालिग पुत्र जगदीश ने 5 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट सुरीर कोतवाली में कराई है। रिपोर्ट में बताया है कि 23 अगस्त को गांव के ही सत्यपाल पुत्र थान सिंह, बबलू पुत्र वीरी सिंह, थान सिंह ननुआ, मोहनश्याम पुत्र दौलतराम, शिम्मो पुत्र जल सिंह जबरन दरवाजा तोड़कर घर में घुस आए थे और मां चंद्रवती तथा पिता जोगेंद्र के साथ लाठी-डंडा और सरिया से मारपीट करते हुए गंभीर चोट पहुंचाई थी। मारपीट करने का कारण पीड़ित के घर को कब्जाना किया गया है। इसकी सूचना जोगेंद्र ने थाना सुरीर में दी थी। इसमें चंद्रवती का चिकित्सकीय मुआयना होने के बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी थी क्योंकि मोहनश्याम एक राजनीतिक रसूख रखता है। रिपोर्ट दर्ज न होने के कारण आरोपियों के हौसले बुलंद हो गए और लगातार धमकी दे रहे थे कि वह उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। शिकायत दर्ज कराने की स्थिति में जान से मारने की धमकी भी दे रहे थे। जगदीश ने बताया कि उसके माता-पिता 28 अगस्त को सुबह 8 बजे दबंगों की शिकायत करने के लिए थाना सुरीर जा रहे थे कि तभी थाने के बाहर ही मोहनश्याम, सत्यपाल, बबलू, थान सिंह, शिम्मो ने पीड़ित जोगेंद्र और चंद्रवती को पकड़ लिया और सबक सिखाने की धमकी देते हुए तेल जैसा ज्वलनशील पदार्थ डालकर माता-पिता को आग लगा दी और वहां से भाग खड़े हुए। माता-पिता आग लगी हालत में जान बचाने के लिए थाने के अंदर भागे तो मौजूद पुलिस कर्मियों एवं अन्य स्थानीय लोगों ने जान बचाने का प्रयास किया। गंभीर हालत देखते हुए मथुरा जिला अस्पताल लेकर गए। जिला अस्पताल से दोनों को दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल भेज दिया गया। जहां दोनों की हालत गंभीर बनी हुई है। जगदीश की तहरीर पर कोतवाली सुरीर में मोहनश्याम, सत्यपाल, बबलू, थान सिंह एवं शिम्मो के खिलाफ धारा 147, 307, 504, 506 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। सुरीर इंस्पेक्टर रवि त्यागी ने बताया कि जगदीश की तहरीर पर 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि रविवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम भी मामले की जांच करने के लिए मथुरा आ रही है।