उपभोक्ता फोरम से पीड़ितों को मिली राहत, चेहरों पर छाई मुस्कान

0
1104

मथुरा। बीमा कंपनियों द्वारा अपने उपभोक्ताओं को उनका क्लेम देने से इंकार कर उनका उत्पीड़न करने के कई मामले पूर्व में सामने आ चुके हैं लेकिन फिर भी बीमा कंपनियों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे ही कुछ और ताजा मामला सामने आए हैं। इनमें उपभोक्ताओं को उनकी मोटर साइकिल के चोरी होने एवं दुर्घटना ग्रस्त होने परक्षतिपूर्ति धनराशि नहीं दी गई। जबकि मोटर साइकिल दुर्घटना ग्रस्त होने अथवा चोरी होने के समय बीमित अवधि में थी। उपभोक्ताओं ने परेशान होकर जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया। उपभोक्ता फोरम ने अपना चाबुक चलाते हुए बीमा कंपनियों को क्षतिपूर्ति राशि और वाद व्यय देने के निर्देश दिए हैं।
शहर की चंद्रपुरी कालोनी निवासी अशोक कुमार ढींगरा की बाइक एक मैरिज होम के सामने से चोरी हो गई थी। चोरी होने के समय बाइक द न्यू इंडिया इंश्योरेंस से बीमित थी। चोरी होने की सूचना बीमा कंपनी को दे दी गई। मुकदमाभी दर्ज कराया गया। बीमा कंपनी में क्लेम के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया। इसके बाद भी बीमा कंपनी ने उपभोक्ता अशोक कुमार ढींगरा को क्षतिपूर्ति राशि नहीं दी। परेशान उपभोक्ता ने जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दायर कर दिया। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह एवं सदस्य सूफिया अशरफ ने दोनों पक्षों को सुना। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद उपभोक्ता फोरम ने पीड़ित उपभोक्ता के पक्ष में निर्णय दिया। निर्णय के अनुसार बीमा कंपनी द्वारा पीड़ित उपभोक्ता को 43 हजार रुपए 6 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज की दर से अदा करने होंगे। साथ ही 2 हजार रुपए वाद व्यय के रुप में भी देने होंगे। इससे उपभोक्ता ने राहत की सांस ली है।
दूसरे मामले में कस्बा सौंख के नगला सबला निवासी रनधीर सिंह पुत्र मटरे सिंह की हीरो होंडा पैसन प्रो बाइक को छाता के निकट 3 बाइक सवार बदमाशों ने लूट लिया था। इसकी सूचना बीमा कंपनी को देने के साथ ही छाता थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई। लूटी गई बाइक का आईसीआईसीआई बैंक लोम्बार्ड इंश्योरेंस कंपनी द्वारा बीमा था। पीड़ित बाइक स्वामी रनधीर सिंह ने बीमा कंपनी को क्लेम प्रस्तुत किया लेकिन बीमा कंपनी ने गलत तथ्यों के आधार पर क्लेम निरस्त कर दिया। इस पर बाइक स्वामी ने जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दायर कर दिया। फोरम के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह एवं सदस्य सूफिया अशरफ ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुना। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को निर्देशित किया है कि वह रनधीर सिंह को क्लेम की धनराशि 41,529 रुपए 6 प्रतिशत की साधारण ब्याज की दर से एवं 4 हजार रुपए वाद व्यय के रुप में 30 दिन के अंदर अदा करे।